भारतीय
सिनेमा के पिता माने जाने वाले दादासाहेब फाल्के द्वारा निर्मित 'राजा हरिश्चंद्र'
पहली भारतीय फीचर फिल्म थी. 40 मिनट की यह फिल्म बॉलीवुड का पहला कदम मानी जाती है.
कहा जाता है कि फाल्के को इसे बनाने की प्रेरणा फ्रेंच फिल्म 'द लाइफ ऑफ़ क्राइस्ट'
(1902) को एक ही दिन में दो दफ़ा देखने के बाद मिली थी.
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दादासाहेब फाल्के |
इसके बाद उन्होंने
प्रिंटिंग प्रेस की अपनी नौकरी छोड़कर लन्दन में फिल्म बनाने की बारीकियां सीखने का
कारनामा किया. भारत आने के बाद उन्होंने अपनी बीमा पॉलिसियां और उनकी पत्नी ने अपने
आभूषण बेच दिए और फिल्म बनाने के लिए ज़रूरी पूंजी जुटाई. महिला कलाकारों का मिलना
असंभव था सो उन्होंने पुरुष कलाकारों को महिलाओं के किरदार निभाने को राजी किया.
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अन्ना सालुंखे |
अन्ना
सालुंखे ने हरिश्चंद्र की पत्नी का रोल किया. सालुंखे इससे पहले एक रेस्तरां में
कुक का काम करते थे. सालुंखे ने इसके बाद 1917 में फाल्के की फिल्म 'लंका दहन' में
राम और सीता दोनों की भूमिकाएं निबाहीं. सालुंखे अपने समय के पहले और इकलौते स्टार
हुआ करते थे.
दुर्भाग्यवश
यह फिल्म अब सिर्फ टुकड़ों में बची है (कुल
1475 फ़ीट). देखिये -
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