Tuesday, December 13, 2016

रिटायर्ड फादर और गैर-रिटायर्ड फादर


प्रेम प्रसंग में फादर
- हरिशंकर परसाई

प्रेम प्रसंग में सबसे महत्वपूर्ण और विचारणीय विषय फादरहै प्रेमिका के पिता को प्रेम की भाषा में फादर कहते हैं. फादर का महत्व घोषित करने वाले ये उद्गार किसने नहीं सुने –  मैं क्या करूं, फादर ने नहीं आने दिया. उस दिन फादर को शक हो गया था. फादर को कैसे समझाउंगी कि इतनी देर क्यों हुई? अरे बाप रे, फादर सुनेंगे तो मार ही डालेंगे. तुम्हीं न एक दिन फादर से बात कर लो. इस पर पूरी शोध होनी चाहिए कि फादर की परंपरा कहां से शुरू हुई? क्लासिकल फादर के क्या लक्षण हैं? रिटायर्ड और गैर रिटायर्ड फादर में क्या भेद है? ये सब प्रश्न लेखकीय दृष्टि की मांग करते हैं.

मेरे एक मित्र ने फादरका काफी अध्यन किया है. उसका निष्कर्ष है कि ईश्वर की मंशा थी कि फादर नाम का अस्तित्व, जो प्रेम में अक्सर बाधक होता है, हो ही नहीं. इसलिए ईव का कोई फादर नहीं था. परमपिता जरूर था, पर उसकी गिनती फादर में नहीं होती. इसलिए जब आदम ने उससे कहा कि फल खा लो, तो उसने चट खा लिया. अगर ईव का फादर होता तो वह कहती, ‘नहीं-नहीं, कहीं फादर को मालूम हो गया तो हमारी बड़ी आफत होगी.

पुराने जमाने में बड़े हठी फादर होते थे. जैसे शीरी के फादर ने फरहाद से कहा कि तू पहाड़ खोदकर नहर बना दे. यह शर्त तो वैसी ही ऊटपटांग है जैसी यह कि भाखड़ा बांध बना दे तो लड़की से शादी कर दूंगा या यह कि मैं उसी लड़के से शादी करूंगा जो चंबल हाइड्रोइलेक्ट्रिक योजना पूरी कर देगा. प्रेमियों को भारत सरकार का आभार मानना चाहिए कि बिजली और सिंचाई योजनाएं उसने अपने हाथ में ले लीं. वरना कोई फादर किसी प्रेमी से कहता कि तुंगभद्रा से नहर निकालो, तो बेचारा प्रेमी क्या करता?


मेरे दोस्त का विचार है कि फादर आजकल मुख्यत: दो तरह के होते हैं रिटायर्ड फादर और गैर-रिटायर्ड फादर. गैर रिटायर्ड फादर के पास समय नहीं होता. गैर-रिटायर्ड फादर पार्ट टाइम फादर होता है, जबकि रिटायर्ड फादर फुल टाइम फादर. प्रेमी रिटायर्ड फादर को प्रसन्न रखने की हर कोशिश करता है. वह कल्पना में प्रेमिका का सुंदर मुख लेकर जाता है, मगर फाटक पर ही उसे फादर मिल जाते हैं. उसे गुस्सा आता है, पर वह अत्यंत विनय से मुस्कुराकर इस तरह मिलता है, जैसे वह उनकी लड़की से नहीं, उनसे ही प्रेम करता है. फादर उसे बैठाकर संस्मरण सुनाने लगते हैं. उसे ऊब को दिलचस्पी करके दिखाना पड़ता है. प्रेम में वह उसी अनुपात में सफल होता है, जिस अनुपात तक वह फादर से बोर होने की क्षमता रखता है. कितने प्रेम इस कारण असफल हो जाते हैं कि प्रेमी फादर को स्टैंड नहीं कर सका.

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