Wednesday, May 10, 2017

ऋग्वेद पढ़ते हुए


ऋग्वेद पढ़ते हुए
- इब्बार रब्बी

मैं आदमी की जड़ों में
पहुँच गया
पीछॆ लौट गया
बचपन के बचपन में.


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