देह
की सत्ता
- अष्टभुजा शुक्ल
देह
की सत्ता ही
है
आख़िरी पत्ता
यही
सबके पास
और
यही पत्ता सबको चलना है
लेकिन
किसी को भी
नहीं
पहुँचना है
देह
से चलकर देह तक
हा
बुद्ध ! हे राम !
थू
यमराज और हाय आदमी
लघुशंका
ऐसी हिंसा पर !
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