Thursday, November 16, 2017

क्या भूल गए आप मेरे कच्चे घड़े हो


"रात की रानी की खुशबू से कोई ये कह दे
आज की शब न मेरे पास आए"

- परवीन शाकिर के नाम ज़िया मोहिउद्दीन का ख़त

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