नन्दा सुनन्दा का डोला क्या है यदि यह भी बताते तो अच्छा रहता। घुघूती बासूती
रोहित जी की नजर पवित्र है. इसलिऍ इतनी सुन्दर फोटो आई. हमारी नजर से हलद्वानी देखो तो पता चले.
हल्द्वानी में फूल और बादल का चित्र तो इतना सुन्दर है कि शब्द नहीँ हैं उसे व्यक्त करने के! इतना लाजवाब कम्पोज़ीशन, समुचित डेप्थ ऑफ़ फ़ील्ड, रंगों का प्राकृतिक समायोजन। बहुत खूब!
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नन्दा सुनन्दा का डोला क्या है यदि यह भी बताते तो अच्छा रहता।
घुघूती बासूती
रोहित जी की नजर पवित्र है. इसलिऍ इतनी सुन्दर फोटो आई. हमारी नजर से हलद्वानी देखो तो पता चले.
हल्द्वानी में फूल और बादल का चित्र तो इतना सुन्दर है कि शब्द नहीँ हैं उसे व्यक्त करने के! इतना लाजवाब कम्पोज़ीशन, समुचित डेप्थ ऑफ़ फ़ील्ड, रंगों का प्राकृतिक समायोजन। बहुत खूब!
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