Saturday, October 6, 2007

कबाड़िन संख्या दो उर्फ़ दिपुली का स्वागत

दिल्ली छोड़ने के बाद से दीपा अपने परिवार के साथ सोनापानी , मुक्तेश्वर में रहती हैं। सारे कबाडियों को उम्मीद है कि उन के गोठ से कुछ गोबर ही सही, यहाँ भी भेजा जाएगा।

1 comment:

शिरीष कुमार मौर्य said...

kabaadiyon ki barhati jamaat dekhna sukhad hai.
KHADAK SINGH ko HARAK SINGH ki badhayi.....