Saturday, November 10, 2007

खुशआमदीद : नए ‘कबाड़ी ’ कथाकार सूरज प्रकाश का स्वागत !

आज दाखिल हुआ है एक और नया कबाड़ी ,
सब भइयन मिल के चलाएंगे कबाड़खाने की गाड़ी ।

लेखक , अनुवादक और पाठक है अपना यह भाई ,
`अधूरी तस्वीर´ ,`हादसों के बीच´ ,`जरा संभल के चलो`
ऐसी कई किताबें इन्नें लिक्खीं और बनाईं ।


`एनिमल फार्म ´(जार्ज आरवेल ),`
`कानिकल आफ ए डेथ फोरटोल्ड´( मारखेज) आदि -आदि
विश्व प्रसिद्ध कथाकारों का अनुवाद करा है ,
और अभी इनके पास करने को कित्ता सारा काम धरा है ।

`कथाकार ´ अपना मुंबई में रैता है
और अपने प्रोफाइल में खुद के बारे में जे कैता है -


` बंदा लेखक है , अनुवादक है और पाठक है ।
कुछ अरसे से लिखना छूटा हुआ है । शायद
ब्लागिस्तान में आने से शुरू हो जाए ।´

कथाकार सूरज प्रकाश आपके आने - लिखने - लिखाने से `कबाड़खाना ´की दौलत में इजाफा होगा । आपका स्वागत है!





3 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

vaah!क्या स्वागत किया है।अच्छा लगा।:(

नीरज गोस्वामी said...

बिगुल बजाओ गुरु बिगुल.....सच्चा हीरा मिल गया है आपको.
बधाई
नीरज

Neelima said...

क्या बात है सूरज जी के यहां आने पर बहुत रैगिंग वैगिंग चल रही है ! प्रसंसकों के दल भी पैले से ही बिराजमान हैं ??