Sunday, July 6, 2008

बाबा बुल्लेशाह और रेशमा आपा की जुगलबन्दी

हज़रत बाबा बुल्लेशाह की एक पंजाबी रचना को स्वर दे रही हैं बंजारन रेशमा. रेशमा आपा की आवाज़ आप यहां पहले भी सुन चुके हैं। ख़ैर. इस रचना का तमीज़ से हिन्दी तर्ज़ुमा करने की न तो मेरी ताब है न क़ाबिलियत लेकिन मैं आप लोगों से गुज़ारिश कर रहा हूं कि यदि आप में से कोई ऐसा कर दे तो बड़ा अहसान होगा. शुरुआती पंक्ति के बारे में मुझे सिर्फ़ इतना मालूम है कि इस में महबूब से मुंह न फ़ेरने का निवेदन किया जा रहा है. अच्छे संगीत को सुनने के लिए भाषा मुझे तो कभी बाधा महसूस नहीं होती. अलबत्ता कोई अर्थ बता दे तो आनन्द और बढ़ जाता है. इसी उम्मीद में सुना रहा हूं आपको मिठास और दर्द में लिपटी रेशमा आपा की अद्वितीय आवाज़:

7 comments:

sanjay patel said...

सारंगी,बाँसुरी,मेंडोलिन और नाल की ताल के साये में रेशमा आपा की शफ़्फ़ाक़ आवाज़ हमारी रूह को पाक़ कर देती है..शोर में तब्दील हो गए समय में रेशमा जैसे रेगिस्तान में मीठे पानी का चश्मा बन कर हमारी आत्मा में समा जातीं हैं.आवाज़ की पवित्रता में कैसा अनूठापन है...ये आवाज़ पता देती है अशोक भाई कि कुदरत का हुकुम लेकर आयीं हैं वह.ऐसा नहीं कि किसी रियलिटी शो की प्रतिभागी हैं और रट्टू तोते की तरह शो के सैट पर आ खड़ी हैं.
अशोक भाई हम सारे संसारी रेशमा को सुनते वक़्त भिखारी हो जाएँ तो बेहतर..क्या है हमारे पास कानों में मिसरी घोलती इस आवाज़ से ऊँचा ?

मैं उनसे ये पूछने की गुस्ताख़ी कर बैठा:आपा कब से सीखा गाना आपने...
बोलीं थीं:तुम्हें याद है बोलना कब से सीखा ?
मैने कहा : नहीं.उन्होंने फ़रमाया:
मुझे भी नहीं मालूम गाना कब से आया.

रंजू भाटिया said...

रेशमा की आवाज़ जादू करती है ..बहुत ही प्यारा लगा यह कलाम शुर्किया

सतीश पंचम said...

बहुत सुंदर और दिलकश आवाज है, ईसे कहते हैं रूहानी संगीत...जो रूह को फना कर दे।

siddheshwar singh said...

लूट लिया बाबूजी आपने तो.
संगीत के लिये भाषा और अनुवाद की क्या जरूरत. बस सुनते रहें.

Harshad Jangla said...

Very sweet voice. I still remember that song from film Hero by Reshma apa.

Thanx for presenting this precious item.

-Harshad Jangla
Atlanta, USA

मुनीश ( munish ) said...

all things Pakistani fill me with a staunch repulsion except their gana-bajana.Thanx for this experience.
couldn't visit blogs last week 'cos of inefficient service courtesy MTNL, now i have gor Airtel and i've really enjoyed all pevious posts here especially '...tanki mein bhoot".

shankar said...

reshmaji ki awaj ka jadu to pehale hamene hero ffilm mai lambi judai ka jariya milgya tha .... bullesha ke panjabi sufi geet jo hamare jahen ma sada ka liye yaadgaar banke rahe jaate hai thnku for reshmaji ka ye geet sunna ke liya.aur bhi koi rachna unhone gaaye hato use bhe suna dena