आप हरेराम नेमा 'समीप ' को नहीं जानते। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के मेख गाँव के हरेराम चर्चित सीरियल नक्षत्रस्वामी की पटकथा और गीत लिखा है। फिलहाल तीनमूर्ति भवन स्थित जवाहरलाल नेहरू स्मारक निधि में लेखाधिकारी हैं और फरीदाबाद में रहते है। गाँव-परिवार में विपन्नता, दमन और जिल्लत में जिए प्रारंभिक अठारह-बीस साल के दारूण अहसास और विभिन्न महानगरों में बाद के तीस-पैंतीस सालों के संघर्षपूर्ण जीवन ने उनके पूरे लेखन को संचालित किया है। कई ग़ज़ल संग्रहों, कहानी संग्रह, दोहा संग्रह सहित कई पत्रिकाओं का संपादन करने वाले हरेराम समीप की कविता संग्रह 'मैं अयोध्या...' मेरा सामने है आज।
उनकी रचनाओं के सकारात्मक या नकारात्मक पक्षों को लेकर की-बोर्ड पर बिना उंगली चलाये एक कविता 'कविता- भर जमीन ' आपके सामने पेश कर रहा हूँ ...विनीत उत्पल
कविता-भर जमीन
इस समय तुम
कविता की हिफाज़त करो
क्योंकि हर तरफ़ से
असहाय होते मनुष्य के पास
हाथ टेकने के लिए
अन्ततः रह जायेगी
बस यही
कविता-भर जमीन
कविता-भर ज़मीन
जितनी किसी टापू की
फुनगी पर
मिल जाती है गौरैया को
इत्मीनान से सुस्ताने की जगह
कविता-भर ज़मीन
जहाँ बचा रहेगा
अन्तिम समय में
आत्मरक्षा के लिए
छुपाया गया अन्तिम अस्त्र
कविता-भर जमीन
जितनी मनुष्यता के ध्वज को
फहराने के लिए ज़रूरी है
इसलिए
कविता की हिफाज़त करो
क्योंकि कविता
आत्मा की धड़कन है।
5 comments:
`kavita ki zarurat kise hai`
कबाड़खाना के विनीत उत्पल जी
नमस्कार
हरेराम नेमा 'समीप ' जी की कविता-भर जमीन पढ़ कर अच्छा लगा ,
और ये भी अच्छा लगा कि आपने अपने ब्लॉग में उन्हें
प्रकाशित कर ये रचना हम तक पहुंचाई.
इस सुकृत्य के लिए आप बधाई के पात्र हैं , उनके
प्रिय अनुज विजय नेमा " अनुज " और मैं भी
अपने बड़े भाई समीप जी को उनकी रचना के
लिए बधाई प्रेषित करता हूँ
आपका
विजय तिवारी ' किसलय'
जबलपुर म. प्र.
हरेराम नेमा 'समीप ' जी की कविता पढ़ कर अच्छा लगा. आभार.
हरेराम समीप की रचनायें पढ़ी हैं .क्या यह वही है?
नेमा जी को अच्छी कविता और आपको बेहतर प्रस्तुति के बधाई
Post a Comment