( इस महान जर्मन कवि के नाम का सही हिन्दीकरण क्या है ? मुझे अपने दिए नाम पर थोड़ा संदेह है ! मित्र महेन से निवेदन है वे रौशनी डालें, क्योंकि उन्हें जर्मन आती है। उनका संशोधन आते ही नाम दुरुस्त कर दिया जावेगा! आप सभी से अनुरोध है कि अन्तिम कविता पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि इसी नाम और अंतर्वस्तु वाली गोरख की भी एक कविता है।)
खुशी
वह नहीं चाहती
कि मैं उसके बारे में कुछ बोलूं
उसे कागज पर नहीं उतारा जा सकेगा
और न ही
उसके बारे में कोई भविष्यवाणी ही की जा सकती है
वह इस सबसे अधिक कुछ है
लेकिन
मैं उसे जानता हूं
बहुत अच्छी तरह
चाहे स्थिर हो या गतिमान
वह
हर चीज को हिलाकर रख देगी
वह झूठ नहीं बोलेगी
कोहराम मचा देगी
उस अकेली से मैं अपने होने का
मतलब पाता हूं
वह मेरा तर्क है
हालांकि
मुझसे बाबस्ता नहीं है वह
वह अजीब और अडियल है
मैं उसे आसरा देता हूं और छुपाता हूं
किसी कलंक की तरह
वह भगोड़ी है
न तो दूसरों के साथ बांटने के लिए है
और न ही
खुद के पास रखने के लिए
मुझे उससे कुछ नहीं मिला
जो कुछ मेरे पास था
मैंने उसके साथ बांट लिया
लेकिन
वह मुझे छोड़ जायेगी
तब दूसरे आसरा देंगे उसे
विजय की ओर उसकी लम्बी उड़ान में
और अपनी रातों में
छुपायेंगे उसे
विक्रय मशीन
वह उसके छेद में
चार सिक्के डालता है
और अपने लिए
कुछ सिगरेट हासिल कर लेता है
वह हासिल कर लेता है
कैंसर
रंग-भेद
यूनान का राज्य
सत्ताकर
राज्यकर
व्यापारकर वगैरह
और अतिरिक्त मूल्य
मुक्त उद्यम और सकारात्मक विचारधारा
वह हासिल कर लेता है
एक बड़ी-सी लिफ्ट
बड़ा-सा व्यापार
और मनचीती लड़कियां
महान समाज
बड़े-बड़े धमाके
उल्टियाँ हर चीज बड़ी......और बड़ी........और बड़ी
वह हासिल कर लेता है
ज्यादा से ज्यादा
अपने चार सिक्कों के बदले
लेकिन पलभर के लिए
उसकी हासिल की हुई हर चीज
गायब हो जाती है
यहां तक कि सिगरेट भी
वह विक्रय मशीन की ओर देखता है
लेकिन उसे देख नही पाता
तब वह खुद को देखता है और उस एक पल के लिए
वह बिल्कुल
आदमी की तरह लगता है
और फिर जल्द ही
एक चुटकी में
वह पहले-सा हो जाता है!
ये रहीं उसकी सिगरेट
वह गायब हो चुका है- जो एक तेज़ी से बीतता हुआ पल था
-अचानक मिला एक सुख
अब वह गायब हो चुका है
चला गया है
दफन हो गया है उस कबाड़ के नीचे
जो उसे
महज चार सिक्कों के बदले मिला है!
समझदारों का गीत
अब जरूर कुछ किया जाना चाहिए
इतना हम जानते हैं
लेकिन यह बहुत जल्दी है कुछ करने को
लेकिन
अब बहुत देर हो गयी है
काफी कुछ बीत गया है दिन
ओह!
हम जानते हैं
हम जानते हैं
कि हम बहुत अच्छे हैं
और यह भी कि आगे और भी अच्छे होते जायेंगे
लेकिन यह किसी काम का नहीं
हम जानते हैं
हम जानते हैं कि हमें कोसा जायेगा
और अगर ऐसा होता है तो यह हमारी गलती नहीं है
और हम इससे पल्ला झाड़ लेंगे
हो सकता है
कि हमारे लिए अपना मुंह बंद रखना ही अच्छा हो
और यह भी कि हम इस तरह
अपना मुंह बन्द नहीं रख पायेंगे
हम जानते हैं
ओह!
हम जानते हैं
और हम यह भी जानते हैं
कि हम वास्तव में किसी की मदद नहीं कर सकते
और न ही कोई कर सकता है हमारी
और हम जानते हैं
कि हम बहुत प्रतिभावान और बुिद्धमान हैं
और `न होने` और `बेकार होने` में से कोई एक चीज़
चुनने के लिए आजाद हैं
हम जानते हैं
कि हमें इस समस्या का विश्लेषण
बहुत सावधानी से करना है
और यह भी कि हम अपनी चाय में
दो चम्मच चीनी लेते हैं
ओह!
यह सब हम जानते हैं
दमन और उत्पीड़न के बारे में भी
हम सब कुछ जानते हैं
और हम इसके सख्त खिलाफ भी हैं
और यह भी कि सिगरेट फिर गायब हो चुकी है
बाजार से
हम अच्छी तरह जानते हैं
कि देश वाकई दिक्कतों से गुज़र रहा है
और यह कि हमारे अनुमान अकसर बिल्कुल सही उतरते हैं
और यह भी
कि वे किसी काम के नहीं
और यह
कि ये सिर्फ एक बातचीत भर है
ओह!
हम जानते हैं
यह कोई ठीक बात नहीं है
कि चीजों को गिरता हुआ छोड़ दिया जाये
और हम जानते हैं
कि हम उन्हें गिरता हुआ छोड़ने जा रहे हैं
ओह!
हम जानते हैं
कि इस सबमें कुछ भी नया नहीं है
और अद्भुत है जीवन
यह सब कुछ ऐसा ही है
हम इस सबके बारे में
अच्छी तरह जानते है और उस सबके बारे में भी
हम यह भी जानते हैं और वह भी
ओह हम तो सब कुछ जानते हैं!
_______________________
अनुवाद - शिरीष कुमार मौर्य
वह नहीं चाहती
कि मैं उसके बारे में कुछ बोलूं
उसे कागज पर नहीं उतारा जा सकेगा
और न ही
उसके बारे में कोई भविष्यवाणी ही की जा सकती है
वह इस सबसे अधिक कुछ है
लेकिन
मैं उसे जानता हूं
बहुत अच्छी तरह
चाहे स्थिर हो या गतिमान
वह
हर चीज को हिलाकर रख देगी
वह झूठ नहीं बोलेगी
कोहराम मचा देगी
उस अकेली से मैं अपने होने का
मतलब पाता हूं
वह मेरा तर्क है
हालांकि
मुझसे बाबस्ता नहीं है वह
वह अजीब और अडियल है
मैं उसे आसरा देता हूं और छुपाता हूं
किसी कलंक की तरह
वह भगोड़ी है
न तो दूसरों के साथ बांटने के लिए है
और न ही
खुद के पास रखने के लिए
मुझे उससे कुछ नहीं मिला
जो कुछ मेरे पास था
मैंने उसके साथ बांट लिया
लेकिन
वह मुझे छोड़ जायेगी
तब दूसरे आसरा देंगे उसे
विजय की ओर उसकी लम्बी उड़ान में
और अपनी रातों में
छुपायेंगे उसे
विक्रय मशीन
वह उसके छेद में
चार सिक्के डालता है
और अपने लिए
कुछ सिगरेट हासिल कर लेता है
वह हासिल कर लेता है
कैंसर
रंग-भेद
यूनान का राज्य
सत्ताकर
राज्यकर
व्यापारकर वगैरह
और अतिरिक्त मूल्य
मुक्त उद्यम और सकारात्मक विचारधारा
वह हासिल कर लेता है
एक बड़ी-सी लिफ्ट
बड़ा-सा व्यापार
और मनचीती लड़कियां
महान समाज
बड़े-बड़े धमाके
उल्टियाँ हर चीज बड़ी......और बड़ी........और बड़ी
वह हासिल कर लेता है
ज्यादा से ज्यादा
अपने चार सिक्कों के बदले
लेकिन पलभर के लिए
उसकी हासिल की हुई हर चीज
गायब हो जाती है
यहां तक कि सिगरेट भी
वह विक्रय मशीन की ओर देखता है
लेकिन उसे देख नही पाता
तब वह खुद को देखता है और उस एक पल के लिए
वह बिल्कुल
आदमी की तरह लगता है
और फिर जल्द ही
एक चुटकी में
वह पहले-सा हो जाता है!
ये रहीं उसकी सिगरेट
वह गायब हो चुका है- जो एक तेज़ी से बीतता हुआ पल था
-अचानक मिला एक सुख
अब वह गायब हो चुका है
चला गया है
दफन हो गया है उस कबाड़ के नीचे
जो उसे
महज चार सिक्कों के बदले मिला है!
समझदारों का गीत
अब जरूर कुछ किया जाना चाहिए
इतना हम जानते हैं
लेकिन यह बहुत जल्दी है कुछ करने को
लेकिन
अब बहुत देर हो गयी है
काफी कुछ बीत गया है दिन
ओह!
हम जानते हैं
हम जानते हैं
कि हम बहुत अच्छे हैं
और यह भी कि आगे और भी अच्छे होते जायेंगे
लेकिन यह किसी काम का नहीं
हम जानते हैं
हम जानते हैं कि हमें कोसा जायेगा
और अगर ऐसा होता है तो यह हमारी गलती नहीं है
और हम इससे पल्ला झाड़ लेंगे
हो सकता है
कि हमारे लिए अपना मुंह बंद रखना ही अच्छा हो
और यह भी कि हम इस तरह
अपना मुंह बन्द नहीं रख पायेंगे
हम जानते हैं
ओह!
हम जानते हैं
और हम यह भी जानते हैं
कि हम वास्तव में किसी की मदद नहीं कर सकते
और न ही कोई कर सकता है हमारी
और हम जानते हैं
कि हम बहुत प्रतिभावान और बुिद्धमान हैं
और `न होने` और `बेकार होने` में से कोई एक चीज़
चुनने के लिए आजाद हैं
हम जानते हैं
कि हमें इस समस्या का विश्लेषण
बहुत सावधानी से करना है
और यह भी कि हम अपनी चाय में
दो चम्मच चीनी लेते हैं
ओह!
यह सब हम जानते हैं
दमन और उत्पीड़न के बारे में भी
हम सब कुछ जानते हैं
और हम इसके सख्त खिलाफ भी हैं
और यह भी कि सिगरेट फिर गायब हो चुकी है
बाजार से
हम अच्छी तरह जानते हैं
कि देश वाकई दिक्कतों से गुज़र रहा है
और यह कि हमारे अनुमान अकसर बिल्कुल सही उतरते हैं
और यह भी
कि वे किसी काम के नहीं
और यह
कि ये सिर्फ एक बातचीत भर है
ओह!
हम जानते हैं
यह कोई ठीक बात नहीं है
कि चीजों को गिरता हुआ छोड़ दिया जाये
और हम जानते हैं
कि हम उन्हें गिरता हुआ छोड़ने जा रहे हैं
ओह!
हम जानते हैं
कि इस सबमें कुछ भी नया नहीं है
और अद्भुत है जीवन
यह सब कुछ ऐसा ही है
हम इस सबके बारे में
अच्छी तरह जानते है और उस सबके बारे में भी
हम यह भी जानते हैं और वह भी
ओह हम तो सब कुछ जानते हैं!
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अनुवाद - शिरीष कुमार मौर्य
5 comments:
vaah itni sunder abhivyakti vaali kavitaaon ke liye dhanyvaad is mahaan kavi ko mera naman
कविताएं और अनुवाद दोनों ही शानदार।
बेहतरीन कवितायें । आभार इनकी प्रस्तुति के लिये ।
बढिया अनुवाद हैं. हालांकि नाम में क्या धरा है बाबू पर आपने जिज्ञासा दिखाई है तो मेरे ख़्याल से कवि के नाम का सही उच्चारण यूं होगा - हान्स मान्नूस एंत्सेंसस्बेर्गर.
शिरीष जी, बहुत अच्छी लगी कविताएं.
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