Monday, April 13, 2009

गाबो से सुनिये क्या है कोलम्बियाई साहित्य का रहस्य


गाब्रिएल गार्सीया मारकेज़ ने एक इन्टरव्यू में यूं बतलाया था कि दरअसल है क्या कोलम्बियाई साहित्य के जादुई यथार्थवाद का वह रहस्यमय नुस्ख़ा़. माफ़ करेंगे इन पंक्तियों का अनुवाद मुझसे मुमकिन नहीं है:

Now, the bark has dogged
Now, the sing has cocked
Now, have chimed the great rings belled
And the bray has donkeyed
And the screech has birded
And the grunt has pigged
I grief you my window
Songs onto your intimacy.

... That is Columbian literature.

5 comments:

Himanshu Pandey said...

आपने अनुवाद नहीं किया हमें समझ में नही आया ।

शिरीष कुमार मौर्य said...

Now, have chimed the great rings belled

....सत्यवचन महाराज !
यक़ीन ना हो या समझ में ना आए तो आदरणीय उदय जी से पूछा जा सकता है ! उनकी शुरूआती कहानियाँ याद आ रही हैं मुझे. वे कहानियाँ 'मोहनदास' के युग में भी मेरे ज़हन में गूँजती हैं. 'छप्पन तोले की करघन' और एक हवेली वाली कहानी, जिसका नाम मैं फिलहाल भूल रहा हूँ. एक 76 वर्षीय बंगाली मित्र ऐसे में कहते थे - "क्या करेगा, अब उमर हो गया आपका!"

मुनीश ( munish ) said...

Lo ji we generally associate Columbia with drug lords!

Ek ziddi dhun said...

aap ne anuwaad se inkaar kar aur bhi lajawab kar diya hai

Priyankar said...

यह कोलम्बियन कबीर की उलटबांसी है . बेहद अभिव्यंजक .