(पिछली पोस्ट से जारी)
१४ अगस्त १९५० को वाशिंगटन में जन्मे गैरी लार्सन को उनकी कॉमिक स्ट्रिप 'द फ़ार साइड' ने ज़बरदस्त ख्याति दिलाई. बचपन से ही कॉमिक्स पढ़ने के शौकीन गैरी सांप और मेंढकों के कार्टून बनाना पसन्द करते थे. १९७२ में ग्रेजुएशन करने के बाद वे स्थानीय नाइटक्लबों में गिटार और बैन्जो बजाया करते थे. कुछेक साल तक एक म्यूज़िक स्टोर में काम करने के बाद १९७६ में एक दिन उन्होंने यूं ही कुछ विचित्र पशुओं के स्केचेज़ बनाए और 'पैसिफ़िक सर्च' नाम की एक पत्रिका को ऐसे ही भेज दिया. स्केच छपे और उन्हें नब्बे डॉलर भी मिले.
इस से उत्साहित होकर गैरी ने और मेहनत की और 'सिएटल टाइम्स' ने उन्हें एक साप्ताहिक सीरीज़ करने का अनुबन्ध दिया. दो साल बाद १९७८ में यह अनुबन्ध समाप्त कर दिया गया क्योंकि उनकी विषयवस्तु का अटपटापन सम्पादकों को पसन्द नहीं आया. १९७९ में उन्होंने अपने स्केच 'सान फ़्रान्सिस्को जर्नल' को भेजे जिसके साथ उनका पांच साल का करार हुआ. उनकी यही सीरीज़ बाद में 'द फ़ार साइड' के नाम से विख्यात हुई.
१९९४ तक 'द फ़ार साइड' सत्रह भाषाओं में और दुनिया के करीब १९०० अखबारों में छप चुकी थी.
अपनी प्रसिद्धि के चरम पर १ जनवरी १९९५ को गैरी ने कार्टून बनाने बन्द कर दिए ताकि वे जैज़ गिटार सीख सकें और बच्चों की अपनी किताब 'देयर्स अ हेयर इन माइ डर्ट' पर काम कर सकें
आज गैरी के गायों वाले कार्टून देखिये. अमरीकी ग्रामीण समाज के रईस किसानों की ख़ासी मज़ाक उड़ाते हुए ये कार्टून अद्वितीय तो हैं ही, अपने ब्लैक ह्यूमर के कारण अविस्मरणीय भी:
(अगली पोस्ट में समाप्य)
4 comments:
अमां वाह..पूरी किताब ही छाप डालो धीरे-धीरे। इंतजार रहेगा।
पूरी किताब तो नहीं पंकज बाबू, आज शाम को कोई दर्ज़न भर काटरून और देख लेवें.
आपकी बारी आ गई अब पोस्ट लिखने की!
maza aa gaya
I belong to cow belt and therefore i oppose Gary's attempt to ridicule holy cow!fie!
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