अपनी उड़ीसा यात्रा की तीन पोस्ट मैं यहाँ लगा चुका हूँ , लीजिये ये अंतिम है.......
जगन्नाथ पुरी अपने प्राचीन मंदिर और शानदार सी- बीच के लिए विश्व प्रसिद्द है . हर साल यहाँ विशाल रथ यात्रा का आयोजन होता है . अंग्रेज़ी शब्द -- Juggernaut इसी से प्रेरित है . मंदिर के बाहर एक विशाल गरुड़ स्तम्भ है जिसे देखते ही प्रोफ़ेसर ने पहचान लिया और चिहुंक कर बोली '' "0! the official carrier of Indonesia " , दरअस्ल इंडोनेशिया की सरकारी एयर लाइन का नाम गरुड़ ही है . मंदिर में विदेशी नागरिकों के प्रवेश की मनाही है सो प्रोफ़ेसर को उनके डेरे पे छोड़ा और मंदिर आ गया .
संयोग से उस दिन जन्माष्टमी का पर्व था सो वहां खूब चहल -पहल थी . जगन्नाथ की छवि अद्भुत है . बहन सुभद्रा और कृष्ण-बलराम . इन श्री विग्रहों के हाथ पूरे बने हुए नहीं हैं . कहते हैं वो प्रभु ने इंसान को दे दिए . कहावत मशहूर है 'अपना हाथ जगन्नाथ' . फिर देर रात तक वहीँ बीच पर टहलता रहा. जिस होटल में ठहरा था उसके सारे यात्री लगता है रात मंदिर में ही बिताने वाले थे सो वहां बेहद सन्नाटा था . पुराना बंगाली काट का फ़र्नीचर और हिलते हुए परदे माहौल को एक अजब सा 'गॉथिक - लुक' दे रहे थे . नींद नहीं आ रही थी . वापस बीच किनारे के बाज़ार आया , ले-दे के एक कल्याणी ब्लैक लेबल नामक बीयर ही थी जो चिल्ड मिल रही थी, दो बोतल गटकीं ! ईश्वर से माफ़ी मांगी और एक घुटे हुए पाखंडी की तरह तान कर सो गया .
14 comments:
अंड-बंड, प्रचंड ,मूली-धनिया ,प्याज,
जो निकले बिन टिपियाये होवे उसको खाज!
दिन भर व्यस्त रहा ...अब देख पा रहा हूं।
सुंदर मनोरम छवियां। इस आलेख में आपने भाषावैज्ञानिक तत्व भी छोड़े हैं जैगरनाट और अपना हाथ जगन्नाथ ने दिल खुश कर दिया। जैगरनाट पर अर्से से लिखने की सोच रहा था। पुरी की तरह गोआ में भी बाइक्स किराए पर मिल जाती हैं।
U saved urself from buying Zalim Lotion Ajit Bhai ! Thnx for acting upon my advice.
जालिम लोशन से बचने के लिए टिपिया रहा हूँ मुनीश भाई ;-) आपका वृत्तांत पढ़ा तो नेल्सन मंडेला पर अपनी एक पोस्ट आठ सेकेंड के भीतर हटा ली. अशोक पांडे का कहा याद आया कि एक पोस्ट को आठ घंटे तो मिलने ही चाहिए. लेकिन अगर इजाज़त हो तो एक आध दिन में मंडेला वाली पोस्ट लगवा दीजिएगा. आपका यात्रा वृत्तांत बहुत अच्छा लगा. क्या ही अच्छा होता अगर तस्वीरें एक के नीचे एक न होकर सीरियल में होतीं. लेकिन वो तकनीकी मसला है. बहुत सुंदर.
राजेश भाई धन्यवाद आपके सुझाव और सहयोग का . मैं आपके आलेख के प्रकाशन का इंतज़ार कर रहा हूँ .
दाद हो,इनाई हो ,खजुरी हो ,उकवत हो,अपरस हो,एक्जीमा हो,छाजन हो तथा ऐसे ही अन्य कठिन व पुराने चर्म रोगों की दवा - हमारी परचार गाड़ी के पास से मुफ़्त लगवाइए ! सिर्फ़ खाज थोड़ै ।
इन्डोनेशिया के द्वीपों जैसे ’वृहत्तर भारत’ में ओड़िशा-तट से ही लोग गये थे । मन्दिरों में खुदी पशु प्रतिमाओं के थोबड़ों में भी समानता है । वहां की राष्ट्र भाषा- ’बहासा इन्डोनेशिया’।
खाज का क्या काज महाराज !
बहुत उम्दा वृतान्त मिला आज
खूब बढ़िया चल रही है सिरीज
पढ़ा - देखा ,बहुत अच्छी चीज.
अपनी भी हो गई ग़ज़ब की मौज
बनी रहे कबाड़ियों की फौज !
KASHI bhai that is why i mentioned it here. u r welcome to write more on this subject.
Sidheswar bhai i was about to pass a censure motion against u for this delay in commenting.
जगरनॉट का तो अब पता चला. बहुत सुंदर चित्र. कल्याणी ब्लेक लेबल तो हमने कभी सुना या देखा नहीं
achhi rahi apki ye yatra...
pictures to really WoW hai...
@ Subramanian: Kalyani is basically a product of Punjab. It has been taken over by U.B. Group which produces Kingfisher as well. Kalyani is popular in east-coast areas. Experts say this is THE real thing produced with barley as the main content. Slightly bitter ,but yes the real beer!
Vinita: Thanks Vinita ji .
जै जगन्नाथ!बच गया ना दाद खाज खुजली से।
अनिल भाई जय जगन्नाथ ! ,खुदा तुमको महफूज़ रखे हर बला से
बढ़िया पोस्ट। खांसकर.... कल्याणी बियर की खोल कर दी गई जानकारी अच्छी लगी।
जय जगन्नाथ!!!
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