Thursday, July 23, 2009

बारिश... बारिश... बारिश...




15 comments:

नीरज गोस्वामी said...

सारे गीत अद्भुत हैं...धरती से जुड़े हुए...बहुत ही अच्छा...
नीरज

प्रीतीश बारहठ said...

यथार्थ का जादू!!!

रंजू भाटिया said...

बहुत सुन्दर

Kirtish Bhatt said...

Behatreen

मुनीश ( munish ) said...

पेंटिंग मुझे अच्छी लग रही हैं खासकर इनके तोतिये शेड्स ! हालाँकि, काफी समय से आप मेरी पोस्टों को अपनी क़ीमती टिप्पणियों से महरूम रक्खे हैं ..... यहाँ बदला वफ़ा का बेवफाई के सिवा क्या है !

प्रेमलता पांडे said...

सम्मोहक!

Arun Aditya said...
This comment has been removed by the author.
Anil Pusadkar said...

jaadooooooooooooo

Arun Aditya said...

अद्भुत!
वाह क्या ग्रीन है
वाह क्या सीन है
हरा है, मन भरा है!

Yunus Khan said...

हम्‍म । कोसा कोसा लगता है चांद परोसा लगता है

संगीता पुरी said...

बढिया है !!

Ek ziddi dhun said...

ओ हरे मैं तुझसे कितना प्रेम करता हूं..
hare ki sangat karrahe rahe rango se bhi.

siddheshwar singh said...

मन हुआ नम !

दीपा पाठक said...

ये हरा हमें भी बहुत प्रिय है रविंद्र जी। बहुत सुंदर पेंटिंग है सभी, बारिश के सभी रंगों को समेटे।

अनूप शुक्ल said...

सुन्दर चित्र!