Sunday, August 9, 2009

क्या ग़ज़ब का आदमी था वह



जब लोग मरते हैं तो उनके बारे में, उनके गुणों के वर्णन करने वाले भाषण देना आम बात है। लेकिन शायद ही कभी ऐसे मौकों पर किसी के बारे में ज्यादा ईमानदारी और सच्चाई से वह सबकुछ कहा जा सकता है जो हम चे के बारे में कहते हैं - 'वह क्रांतिकारी गुणों के विशुद्ध उदाहरण थे'। लेकिन उनमें एक और गुण था, बौद्धिकता या इच्छाशक्ति का गुण नहीं न ही अनुभवों से अर्जित कोई गुण अपितु उनके दिल के भीतर मौज़ूद एक गुण - वह अगाध मानवीय व्यक्ति थे, असाधारण रूप से संवेदनशील।

यही वज़ह है कि उनके जीवन के बारे में सोचते हुए हम महसूस करते हैं कि वह इस रूप में अकेले और असाधारण थे कि उनमें एक साथ एक कर्मशील व्यक्ति की, एक विचारवान निष्कलंक क्रान्तिकारी की और असाधारण मानवीय संवेदना से पूर्ण व्यक्ति की लाक्षणिकतायें समाहित थीं। साथ ही वह लौह चरित्र, दृढ इच्छाशक्ति और अदम्य संकल्पशीलता वाले भी थे।

( चे की स्मृति में दिये कास्त्रो के भाषण का एक अंश, चे की किताब ' क्यूबा के क्रांतियुद्ध की संस्मृतियां' से, अनुवाद शीघ्र प्रकाश्य)

6 comments:

मुनीश ( munish ) said...

I think among all communist countries , only his country has kept the promise once made. Is it true that he was a medical student once? I have a vague memory of watching 'Motor-cycle diaries' and a friend told me it was based on his accounts of journeys .I have seen a lot of funky youth wearing T-shirts with his pictures , but not much is known about him here.

Ashok Kumar pandey said...

मुनीश जी यह सच है कि वह एक क्वालिफ़ायड डाक्टर थे।
जल्दी ही उनका पूरा जीवन परिचय पोस्ट करुंगा।

Unknown said...

हाँ उनका क्रन्तिकारी व्यक्तित्व एक सच्ची संवेदनशील मनुष्यता से ही प्रेरित था.

siddheshwar singh said...

पुस्तक का इंतजार !

Ashok Pande said...

पुस्तक का इंतजार !

स्वप्नदर्शी said...

Che ke aakhiree dino aur bolivia ke adenture ko samajhne waalo kee dilchaspee ke liye saal bhar pahale is kitaab ka zikr kiyaa thaa.

http://swapandarshi.blogspot.com/2008/01/killing-che-chuck-pfarrer.html