Sunday, December 27, 2009

नौछम्मी नरैण एक बार फिर से

नौछम्मी नरैण एक बार फिर से सुनिये/देखिये. यह इस गीत का ओरिजिनल वर्ज़न है. कल यह किसी कारणवश यूट्यूब पर नहीं चल पा रहा था.

यकीन मानिये यह पूरा वीडियो बेहद दर्शनीय है.

कृपया यूट्यूब में दिखाए जा रहे शीर्षक पर न जाएं. कल से मूल शीर्षक पता नहीं कैसे अपने आप बदल गया. यह भी नरैण महिमा ही मानी जानी चाहिये सम्भवतः

6 comments:

ज्ञानदत्त पाण्डेय/Gyandutt Pandey said...

नारायण! नारायण!!

तल्ख़ ज़ुबान said...

अजी शीर्षक पर चले जाने में भी बुराई नहीं. कौन कहता है कि राजनीति एक निष्काम कर्म है. इसमें तो "काम" ही "काम" है. इतने निकम्मे नहीं हैं हमारे नेता. तिवारी जी का बुढ़ापा रंग ला रहा है. मैंने ओरिजिनल वीडियो भी देखा है. नारायण तुम अब भी वैसे ही रहे- उतने ही *?&$#?....इस धरा पर कब तक रहेगा अवतार तुम्हारा...अब हमें बख्श दो महाराज....

भाषा की बाधा के बावजूद बहुत कुछ समझ आया, नरेन्द्र सिंह नेगी को प्रणाम.

अजित वडनेरकर said...

जबर्दस्त वीडियों...

आप लोग इतने बरसों में इस मुरारी पर अंकुश नहीं लगा सके?

Udan Tashtari said...

इसे कहते हैं..धांसू!!

वाकई नौछम्मी....नारायण,,नारायण!!!



यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।

हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.

मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.

निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

आपका साधुवाद!!

शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

नारायण नारायण :P

वर्षा said...

ओह ये वीडियो मैं पहले भी देख चुकी हूं। तब अच्छा था अब धांसू।