(पिछली किस्त से जारी)
तीन नवयुवक बाहर खड़े हैं. उनकी पोशाकें बतला रही हैं कि वे पेशेवर ट्रैकर हैं. वे अपना परिचय देते हैं - महाराष्ट्र से आए कोई दर्ज़न भर ट्रैकर्स के टीम लीडर्स हैं ये लोग. उनके चेहरों पर एक तरह की चमक है. उनकी दाढ़ियों पर हफ़्ते भर पुराने लापरवाही से उगे हुए बाल हैं और इससे वे और भी ज़्यादा रफ़टफ़ और मजबूत नज़र आते हैं .
"हमने सुना है कि आप लोग दारमा से आ रहे हैं. तो आप ने सिन-ला पार कर लिया?" उनमें सबसे बड़ा नज़र आ रहा युवक विनम्रता से पूछता है. जब मैं हां मैं जवाब दिया तो वह हमारी माउन्टेनियरिंग गीयर देखने की इच्छा प्रकट करता है. मैं उसे बताता हूं कि हमारे पास ऐसी कोई चीज़ नहीं है, वह मेरी बात पर यकीन नही करता दीखता और चाहता है कि वह हमारी रस्सियां, हार्नेसेज़, कैराबाइनर्स, बर्फ़ काटने की कुल्हाड़ियां वगैरह देखने पर आमादा है. मैं उसे तहजीब से बतलाता हूं कि मैंने सच कहा था.
"चलिये, ठीक है" वह कुछ पल सोचकर कहता है "क्या मैं आप लोगों के बूट्स पर निगाह डाल सकता हूं?"
मैं तुरन्त झुकता हूं और अपने वॉकिंग शूज़ खोलना शुरू करता हूं.
"नहीं, नहीं, मेरा मतलब है जिन बूट्स से आपना अपना एक्सपैडीशन पूरा किया था.
अभियान! मैं नहीं समझता हमारे दुस्साहसभरे कृत्य को ’अभियान’ कहा जा सकता है.
"मैंने यही जूते पहन के सिन-ला पार किया था भाई. और मेरे पास बस यही जोड़ी है."
वह सवालिया निगाहों से मुझे देखता है और मुझे पक्का यकीन है कि वह मुझ पर ज़रा भी भरोसा नहीं कर रहा.
"आप लोग भीतर क्यों नहीं आते. एक चाय हो जाए."
इगलू के भीतर आकर वे बहुत करीब से हमारे तीन मासूम दिख रहे बैग्ज़ को देखते हैं. उनकी आंखें किसी जासूस की तरह हमारे बड़े रक्सैक्स और बाकी उपकरण तलाश रही हैं जिन्हें शायद हमने कहीं छिपा दिया है.
अन्ततः ऐसा लगता है कि अब उन्हें हमारी बात पर भरोसा हो गया है.
"हम लोग सुबह रास्ते की टोह लेने जौलिंगकौंग गए थे लेकिन इधर की तरफ़ जितनी बर्फ़ है उसे देख कर सिन-ला चढ़ना तो नामुमकिन लगता है. हम लोग आपसे मिलना चाहते थे पर आप लोग सो रहे थे. ... बहुत मुश्किल रहा होगा न?"
मैं सबीने की तरफ़ निगाह डालता हूं, जो निश्छल तरीके से मुस्कराती है और ट्रैकरों के मुखिया से मुखा़तिब होकर कहती है "हां, थोड़ा मुश्किल था."
(जारी)
2 comments:
जारी रहिये..पढ़ रहे हैं.
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
इसाई कैलेंडर के नूतन वर्ष की बहुत-बहुत बधाई एवं ढेरों शुभकामनायें. वृतांत जारी रखें, उत्सुकता से अगली कड़ी की प्रतीक्षा है....
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