Sunday, February 7, 2010

कौन है ये मन छलिया


कुन्दनलाल सहगल साहब से बहुत गहरे प्रभावित सी. एच. यानी चन्द्रू आत्मा ने अपने कैरियर का आग़ाज़ा १९४५ में किया था. ओ. पी. नैयर के संगीत निर्देशन में गाई गई उनकी रचना "प्रीतम आन मिलो" ने उन्हें सबसे ज़्यादा ख्याति दी. यहां यह बताना प्रासंगिक होगा कि इस गीत के बोल नैयर साहब की पत्नी श्रीमती सरोज मोहिनी नैयर के थे.

फ़िलहाल चन्द्रू आत्मा से सुनिये दो ख़ूब पुराने गाने जो मुझे बहुत पसन्द हैं.



पनघट पे मोरे श्याम बजाये मुरलिया



नैनों में दो नैन समाये

2 comments:

निर्मला कपिला said...

दु्र्लभ, सुन्दर प्रस्तुति धन्यवाद्

समयचक्र said...

बढ़िया प्रस्तुति . धन्यवाद