सतीश आचार्य काफ़ी प्रतिभावान कार्टूनिस्ट हैं. उन्होंने किसी भी तरह की कोई औपचारिक कला शिक्षा प्राप्त नहीं की. और एम बी ए की पढ़ाई बीच में छोड़कर पेशेवर कार्टूनिस्ट बन गए. आज दिखाता हूं आई पी एल को लेकर उनके बनाए चन्द कार्टून:
क्रिकेट का प्रसंग आते ही आपका ध्यान आता है . इस अजब खेल में आपकी दिलचस्पी मेरे लिए हैरानी का मुद्दा रहा है . ये कार्टून वाकई तीखा कटाक्ष करते हैं घृणित आई.पी.एल कल्चर पर . दरअसल ये पूरा खेल ही एक जघन्य , सामूहिक गतिविधि है जिसे जितना जल्द हो सके देश निकला मिलना चाहिए .क्रिकेट पर प्रतिबन्ध राष्ट्र-हित के अलावे और कुछ नहीं . क्रिकेट ..हाय..हाय..! क्रिकेट बंद करो ..बंद करो !
कपिल जी के दौर तक अलग बात थी , तब हम भी देख लिए करे थे , लेकिन जिस तरह टाई- सूट चढ़ा कर और छातियाँ हिला-हिला कर इस खेल का आज अनालिसिस होता है वो न-क़ाबिले बर्दाश्त है और उस पे कूल्हे हिलाती वो भाड़े की चीयर -गर्ल्स ..उफ़.. ..बंद करो ओये ये गंद खिंडाना !
7 comments:
हा हा!! बहुत सटीक कार्टून!! सही प्रहार करते! आभार प्रस्तुत करने का.
saarthak
APNI MAATI
MANIKNAAMAA
सही है भाई
जबर्दस्त...
क्रिकेट का प्रसंग आते ही आपका ध्यान आता है . इस अजब खेल में आपकी दिलचस्पी मेरे लिए हैरानी का मुद्दा रहा है . ये कार्टून वाकई तीखा कटाक्ष करते हैं घृणित आई.पी.एल कल्चर पर . दरअसल ये पूरा खेल ही एक जघन्य , सामूहिक गतिविधि है जिसे जितना जल्द हो सके देश निकला मिलना चाहिए .क्रिकेट पर प्रतिबन्ध राष्ट्र-हित के अलावे और कुछ नहीं . क्रिकेट ..हाय..हाय..! क्रिकेट बंद करो ..बंद करो !
कपिल जी के दौर तक अलग बात थी , तब हम भी देख लिए करे थे , लेकिन जिस तरह टाई- सूट चढ़ा कर और छातियाँ हिला-हिला कर इस खेल का आज अनालिसिस होता है वो न-क़ाबिले बर्दाश्त है और उस पे कूल्हे हिलाती वो भाड़े की चीयर -गर्ल्स ..उफ़.. ..बंद करो ओये ये गंद खिंडाना !
munish has already said what i want to...
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