भारतीय कार्यक्रम आते ही हम रेडियो बन्द कर दिया करते थे,अक्सर किसी ऑर्केश्ट्रा कार्यक्रम में ऐसे संगीत के बारे में मिमिक्री आर्टिस्ट मिमिक्री करते हुए मज़ाक में यही कहता कि ऐसा गाने के लिये जाड़े की सुबह लोटे -लोटे पानी से नहाने पर जो मुंह से ध्वनि निकलती है वही असली शास्त्रीय संगीत है, बचपन से बहुत से शास्त्रीय संगीत से जुड़े संगीतकारों के नाम सुनते थे उन्हीं में एक बड़े फ़नकार का नाम सुना नाम था बड़े गुलाम अली ख़ान आज उन्हीं से मुत्तालिक़ एक वीडियो यू-ट्यूब पर मिला तो उसे आप भी देखें और धन्य हों। ये
वीडियो करीब १५ मिनट का है |
3 comments:
भारतीय Classical संगीत जैसा कोई संगीत नहीं है. इसका असर सुनने वालों पर जादू जैसा होता है. जो इसे नहीं समझते, वो नहीं जानते वो किस चीज़ से दूर हैं.
सुन्दर प्रस्तुति .. आनंद आ गया ..
बड़ा ही नायाब विडियो लाये हैं आप...मजा आ गया. आपका आभार.
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