Thursday, May 27, 2010

अरविन्द गुप्ता को जानते हैं आप?

भारत में शिक्षा के प्रसार के तमाम सरकारी दावे हैं पर यह एक सच्चाई है कि लगातार बेहतर बनाए जाते पाठ्यक्रमों के बावजूद बच्चों को विज्ञान, गणित और भाषा में आमतौर पर खासी दिक्कतें पेश आती नज़र आती हैं और कस्बों, शहरों में ट्यूशन बाकायदा एक उद्योग के रूप में स्थापित हो चुका है. एन सी ई आर टी ने स्कूलों के लिए बेहतरीन पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं लेकिन अच्छे शिक्षकों का भीषण अभाव है. ये शिक्षक उस उच्चशिक्षा से लैस होकर आये होते हैं जिसकी आम स्थिति शोचनीय है. आम कहावत बन गई है कि जो कुछ नहीं बन पाता वह मास्टर बन जाता है.

अगर आपका या आपके आसपास का कोई बच्चा विज्ञान से कतराता है और आप उसकी मदद करना चाहते हैं तो आपने श्री अरविन्द गुप्ता के बारे में जानना चाहिये.



आई आई टी कानपुर से इंजीनियरिंग पढ़ चुके अरविन्द गुप्ता पहले टेल्को में कार्यरत थे. पिछले पच्चीस सालों से वे पुणे के इन्टर यूनिवर्सिटी सेन्टर फ़ॉर एस्ट्रोनॉमी एन्ड एस्ट्रोफ़िज़िक्स बच्चों को विज्ञान सिखाने को समर्पित एक अद्वितीय केन्द्र में काम कर रहे हैं. वे अध्यापक हैं, इंजीनियर हैं, खिलौने बनाते हैं, किताबों से प्रेम करते हैं और अनुवादक हैं.

एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया है - "पच्चीस साल पहले मैंने पाया कि अगर बच्चों को कोई वैज्ञानिक नियम किसी खिलौने के भीतर नज़र आता है तो वे उसे बेहतर समझ पाते हैं." इस लीक पर चलते हुए अरविन्द गुप्ता ने विज्ञान सीखने की प्रक्रिया को मनोरंजक बनाने का सतत कार्य किया है.

उनके बारे में जानना हो तो उनकी वैबसाइट पर जाएं. यहां आपको बेशुमार खिलौने और दुर्लभ फ़िल्में देखने पढ़ने को मिलेंगी. और सैकड़ों प्रेरक पुस्तकें. वह भी बिना कोई पैसा दिए.

एक बानगी देखिये:



(यह पोस्ट आशुतोष उपाध्याय से हुई एक टेलीफ़ोन बातचीत के बाद लिखी गई है. आशुतोष हाल ही में श्री अरविन्द गुप्ता से मिल कर आए हैं)

5 comments:

Udan Tashtari said...

श्री अरविन्द गुप्ता जी के विषय में जानकारी देने का आभार.

abcd said...

wah !

राजेश उत्‍साही said...

जी हां, हम तो खैर बहुत अच्‍छी तरह जानते हैं अरविंद गुप्‍ता को । उन्‍होंने अपना बहुत सा समय बरेली,दिल्‍ली,मप्र के शहडोल और होशंगाबाद में भी गुजारा है। संयोग से भोपाल में जिस बाल विज्ञान पत्रिका चकमक का मैंने सत्रह सालों तक संपादन किया वह नाम यानी चकमक भी उनका ही दिया हुआ है। http://utsahi.blogspot.com

Unknown said...

ये बन्दा बड़ा नेक है जी

मुनीश ( munish ) said...

Thnx for a useful post !