वसुन्धरा कोमकली जी को कुमार गन्धर्व जी की अर्द्धांगिनी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. सम्भवतः वे कुमार जी की सबसे बड़ी प्रेरणा थीं. स्वयं एक सिद्ध गायिका होने के बावजूद वे हमेशा पार्श्व में रहीं.
शुद्ध देस में उनकी गाई एक रचना प्रस्तुत है - झीनी रंग झीनी.
(फ़ोटो : वसुन्धरा जी अपनी पुत्री कलापिनी कोमकली के साथ. कलापिनी भी सिद्धहस्त गायिका हैं.जल्द ही आप को यहीं सुनवाता हूं उनकी गायकी)
1 comment:
बहुत मीठा ...
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