बहुत बचपन में सुनी गई इस क़व्वाली की बस यही पंक्तियाँ अब तक याद थीं - तेरी हिम्मत पे पुतली हमें नाज़ है. कल रात पता नहीं किस जूनून में मैंने यूट्यूब पर इसे खोज कर बारम्बार देखा.यकीन मानिए इस पर दस मिनट खर्च करने के बाद आपको तह कतई नहीं लगेगा कि आपका समय बर्बाद हुआ.
सिवाय लफ़्ज़ों और अदाओं के कुछ ख़ास नहीं है इस में पर तब भी बहुत कुछ है जो बहुत ख़ास है. यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो को एम्बैड करने की सुविधा नहीं है. उसका लिंक यह रहा - http://www.youtube.com/watch?v=94Byv2phyU4
पेश है फिल्म पुतलीबाई कि यह क़व्वाली यूसुफ़ आज़ाद और रशीदा खातून की आवाज़ों में बी बी सी के एक कार्यक्रम से
2 comments:
बड़ा ही संजीदा चरित्र चित्रण, मज़ा आ गया सुन के।
mujhe bhi bahut pasand hai ye qawali.ek aur qawali ko maine bhi khojne ke liye kaha tha kuchh logo se magar unhe wo mili nahi,duniya me jhagada daulat ka joru ka..
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