बरजोरी करो न मोसे होली में....तृप्त हुआ |
"काहे करत मोसे बरजोरी ! बार बार बरजो नाहि माने,जाओ जाओ अब छेड़ो न हंसत मो पे सब ब्रिज की नारी !काहे करत बरजोरी !"अद्वितीय !शुभ होली !
होली का रंग दुगना हो गया यह सुनकर।
वाह, लाजवाब होली.
maja aa gaya sahab holi ke rango me our khsshiya jod di is geet ne.........
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5 comments:
बरजोरी करो न मोसे होली में....
तृप्त हुआ |
"काहे करत मोसे बरजोरी !
बार बार बरजो नाहि माने,
जाओ जाओ अब छेड़ो न
हंसत मो पे सब ब्रिज की नारी !
काहे करत बरजोरी !"
अद्वितीय !
शुभ होली !
होली का रंग दुगना हो गया यह सुनकर।
वाह, लाजवाब होली.
maja aa gaya sahab holi ke rango me our khsshiya jod di is geet ne.........
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