Tuesday, March 29, 2011

घुमक्कड़ी करने का चीनी नुस्ख़ा


चित्र - क्रिस्टोफ़र ग्रीको की पेन्टिंग रिज रोड


घुमक्कड़ का कोई तय निवास नहीं होता; सड़क ही उसका घर है. उसे ईमानदार और अडिग बने रहना होता है ताकि वह उचित जगहों पर जाए, केवल भले लोगों से मिले. उसके बाद यदि भाग्य उसके साथ हो तो वह अपने रास्ते पर बग़ैर छेड़छाड़ के चलता रह सकता है.

अगर घुमक्कड़ अपने आप को छोटी-मोटी चीज़ों में व्यस्त करने लगता है तो वह बदक़िस्मती को न्यौत रहा होता है. एक आदर्श घुकक्कड़ ने अपने आप को गिराना नहीं चाहिये, न ही रास्ते में मिलने वाली तुच्छ चीज़ों में ख़ुद को लिप्त करना चाहिये. बाहर से वह जितना विनम्र और सुरक्षाहीन लगे, उतना ही उसने अपने भीतरी आत्मसम्मान को बचाए रखना चाहिये. क्योंकि अगर एक अजनबी आदमी चुटकुलों और मसख़रेपन के सहारे दूसरों से दोस्ताना व्यवहार की उम्मीद करता है तो वह ग़लती पर होता है. इसका परिणाम केवल तिरस्कार और अपमानजनक बर्ताव होगा और कुछ नहीं.

(शास्त्रीय जीवनज्ञान की सबसे पुराने चीनी ग्रन्थों में एक आइ चिंग के छप्पनवें हिस्से से)

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

सुन्दर सीख।

abcd said...

आख्ररी २ लाइन पड के याद आया---स्वर्ग में कोई ह्यूमर नहीं होता /

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अद्भुत प्रस्तुती /