Saturday, April 16, 2011

नदी किनारे बच्चे


दिन का या कहूँ रात का भी ज़्यादा हिस्सा तो तोक्यो में ही कट जाता है . लेकिन फिर तमागावा को पार करके लौट आता हूँ घर . रैपिड ट्रेन से कोई १५ मिनट और लोकल से २२ मिनट . 'गावा ' याने नदी और तमा तो बस नाम है नदी का . कभी लगता है तोक्यो के 'तम' यानी तमस याने अँधेरे से पार ले आती है ये इसीलिए ये नाम ठीक ही है.आज किनारे किनारे टहलने निकल गया तो खेलते हुए बच्चे दिखे , अरसे बाद कुछ अच्छा और सच्चा दिखा आप भी देखिये ...................
















4 comments:

अरुण चन्द्र रॉय said...

सब कुछ ठीक हो जायेगा !

Ashok Pande said...

Nice videos Munish Bhai. Hope to hear more from Japan.

प्रवीण पाण्डेय said...

जीवन अपनी लय पकड़ेगा।

मुनीश ( munish ) said...

i've removed my bitter comment 'cos i know Hindi heartland is the only bloody place i can relate to even if i hate it .