दिन का या कहूँ रात का भी ज़्यादा हिस्सा तो तोक्यो में ही कट जाता है . लेकिन फिर तमागावा को पार करके लौट आता हूँ घर . रैपिड ट्रेन से कोई १५ मिनट और लोकल से २२ मिनट . 'गावा ' याने नदी और तमा तो बस नाम है नदी का . कभी लगता है तोक्यो के 'तम' यानी तमस याने अँधेरे से पार ले आती है ये इसीलिए ये नाम ठीक ही है.आज किनारे किनारे टहलने निकल गया तो खेलते हुए बच्चे दिखे , अरसे बाद कुछ अच्छा और सच्चा दिखा आप भी देखिये ...................
4 comments:
सब कुछ ठीक हो जायेगा !
Nice videos Munish Bhai. Hope to hear more from Japan.
जीवन अपनी लय पकड़ेगा।
i've removed my bitter comment 'cos i know Hindi heartland is the only bloody place i can relate to even if i hate it .
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