फिर से निज़ार क़ब्बानी
वार्तालाप
मत कहो कि मेरा प्यार था
एक अंगूठी या एक कंगन
मेरा प्यार एक घेराबन्दी है
वह निडर और ज़िद्दी है.
वह जो अपनी मौत की खोज में यात्रा पर निकल पड़ता है
मत कहो मेरा प्यार था
एक चन्द्रमा.
मेरा प्यार है चिंगारियों का एक विस्फोट.
2 comments:
bhut khub...
BEAUTIFUL...AS USUAL.
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