Saturday, September 17, 2011

सिर गायब, टोपा सिलेगा

गुड़ मिलेगा

बाबा नागार्जुन


गूंगा रहोगे
गुड़ मिलेगा

रुत हँसेगी
दिल खिलेगा
पैसे झरेंगे
पेड़ हिलेगा
सिर गायब,
टोपा सिलेगा

गूंगा रहोगे
गुड़ मिलेगा

3 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

गूंगा रहोगे
गुड़ मिलेगा

और बोलने वाले को हुड़।

meena said...

Interesting !!

अजेय said...

good !