Thursday, February 2, 2012

जो मर गए पिछली सर्दियों में


जो मर गए पिछली सर्दियों में

संजय चतुर्वेदी

लोग भूल जाते हैं
कौन लोग थे
जो उम्हें इतिहास निकाल कर लाए
उन्हें खींचते रहे
उनकी गर्म रजाइयों से बाहर
लकड़ियाँ इकट्ठी करते रहे
कहीं मौसम ज़्यादा ख़राब न हो जाए
उनके सहमे हुए घरों में आवाज़ बनकर रहे

लोग भूल जाते हैं वसन्त आते ही
कौन थे जो मर गए पिछली सर्दियों में

(चित्र- चेरूकी इन्डियन कलाकृति- मॉर्निंग टीयर्स')

2 comments:

शिवा said...

सुंदर रचना ...बधाई

प्रवीण पाण्डेय said...

सर्दी भूलकर ही बसंत आता है सबके लिये..