Wednesday, March 7, 2012
बासौदे की मरियम - ज़िया मोहिउद्दीन
ज़िया मोहिउद्दीन साहब की आवाज़ में उर्दू की धरोहर के कुछ मोती पिछले दिनों आप सुन चुके हैं. आज इस सीरीज़ का आख़िरी टुकड़ा पेश है. कहने की ज़रूरत नहीं पर यह भी ज़बरदस्त है -
2 comments:
abcd
said...
naayaab...
March 8, 2012 at 3:00 PM
samar Singh
said...
bahut khoob kya baat hai
April 11, 2012 at 10:33 PM
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2 comments:
naayaab...
bahut khoob kya baat hai
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