डेनिस लेवेर्तोव की कविताओं के अनुवादों की सीरीज़ में आज एक और कविता -
पाठक से
जब आप पढ़ रहे होते हैं, एक सफ़ेद भालू आराम से
पेशाब कर रहा होता है, बर्फ को
गेरुवा रंगता हुआ.
और जब आप पढ़ रहे होते हैं, लेटे हुए होते हैं
कई देवता लताओं के साथ, जम चुके लावे की आँखें
देख रही हैं पत्तियों की संततियों को.
और जब आप पढ़ रहे होते हैं,
समुद्र पलट रहा होता है अपने काले पन्नों को
पलट रहा होता है
अपने काले पन्नों को.
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