Thursday, April 12, 2012

माए नी माए मेरे गीतां दे नैणा विच बिरहों दी रड़क पवे


शिव बटालवी की विख्यात रचना जगजीत सिंह की आवाज़ में. रिकॉर्डिंग बी बी सी के लिए की गयी थी. वीडियो लिंक उपलब्ध कराने के लिए प्यारे दोस्त सानी जुबैर का शुक्रिया -

3 comments:

sanjay patel said...

क्या ग़ज़ब का अंदाज़ है. आवाज़ में जो एक रहस्यमयी तिश्ननी थी जगजीतजी के वह ठेठ से थी. ये वीडियो इस बात की पावती भी देता है कि किसी भी फ़नक़ार में प्रतिभा की आँच तो शुरु से ही दिखने लगती है.

sanjay patel said...
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Neeraj said...

Writer Khuswant Singh once commented,“He sings better than Mehdi Hassan and looks better than Dilip Kumar.”

Love you and Miss you Always; Gazaljeet