कैरिबियाई द्वीपों ख़ास तौर पार त्रिनिदाद और टोबैगो में उन्नीसवीं शताब्दी में भारत से गए श्रमिकों की वर्तमान पीढ़ियों में संगीत के आइकन हैं सैम बुधराम. कैरिबियन्स की जीवंत तालों और ठेठ पूर्वी भारतीय संगीत का अद्भुत समागम पाया जाता है उनके संगीत में. वे जिस संगीत को गाते हैं उसे चटनी संगीत कहा जाता है. सैम के लावा कई और सुन्दर पोपो, द्रौपदी रामगुनाई, आदेश समरू वगैरह कई नाम हैं जो इस संगीत के वहां बचाए हुए हैं.
आज से कबाड़खाने पर सैम के कुछ शानदार गीतों की सीरीज शुरू कर रहा हूँ. चटनी संगीत से मेरा पहला परिचय कबाड़ी भाई विमल वर्मा ने करवाया था. इस के लिए उनका हमेशा आभारी रहूँगा.
पेश है पहली कड़ी -
1 comment:
kya baat hai shandaar
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