"हिंदी को सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों से है जो हर शब्द पर ना-नुकुर करते हैं कि यह हिंदी नहीं है, यह इस भाषा का शब्द है और यह उस भाषा का शब्द है. और फिर ऐसे भारी-भरकम शब्द गढ़ देते हैं जिसे न तो कोई समझता है और न ही कोई व्यवहार में लाता है.
मेरी साफ समझ है कि शब्द व्यवहार में गढ़े जाते हैं, गढ़ कर व्यवहार में नहीं लाए जाते."
(भाई शाहिद अख्तर की फेसबुक वॉल से साभार)
मेरी साफ समझ है कि शब्द व्यवहार में गढ़े जाते हैं, गढ़ कर व्यवहार में नहीं लाए जाते."
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