कबाड़न मनीषा पांडे की फेसबुक वॉल से नवीनतम स्टेटस. इस शिद्दत से लगातार अपना प्रतिरोध दर्ज कराते रहने के लिए शाबास दोस्त मनीषा! जज्बा कायम रहे! -
प्यारी लड़कियो,
अगर तुम इस लड़ाई में इसलिए शामिल नहीं हो क्योंकि तुम्हें
लगता है कि
- जिस लड़की के साथ गैंगरेप हुआ, वो तुम नहीं हो
- जिस लड़की के साथ गैंगरेप हुआ, वो तुम नहीं हो
- कि जिस लड़की के मुंह पर तेजाब फेंका गया, वो तुम नहीं हो
- कि जिस लड़की को दहेज के लिए जलाकर मार डाला गया, वो तुम नहीं हो
- कि जिस औरत का पति उसे रोज या साल में कभी एक बार ही सही, पीटता है, वो तुम नहीं हो
- कि जो लड़की महंगी पढ़ाई इसलिए नहीं कर पाई कि पापा सिर्फ भाई की फीस भर सकते थे, वो तुम नहीं हो
- कि जो दिन रात घर-गृहस्थी के चूल्हे में फुंक रही है, वो तुम नहीं हो
- कि घर में अच्छी सब्जी और मिठाई जिसकी थाली में सबसे कम आती है, वो तुम नहीं हो
- कि दो घंटे लोकल टेन में सफर करने के बाद घर पहुंचते ही जो और सबसे पहले रसोई में घुसती है, वो तुम नहीं हो
- कि जिसके पति ने कभी बिस्तर पर उसकी भावनाओं और जरूरतों का ख्याल नहीं रखा, वो तुम नहीं हो
- कि पीरियड्स के समय भी जो रोज की तरह घर और ऑफिस में खटती है, वो तुम नहीं हो
- कि जिसके पेट का बच्चा गिराया गया क्योंकि वो लड़की थी, वो तुम नहीं हो
- कि सफदरजंग अस्पताल के वुमन वॉर्ड से जो अभी-अभी अबॉर्शन करवाकर बाहर निकली थी और उसका पति उसे कह रहा था, "तेज-तेज चलो," वो तुम नहीं हो
तो तुमसे बड़ी अभागी कोई नहीं है।
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