भाई आशुतोष बरनवाल के माध्यम से मिले इस दुर्लभ लिंक को आपके साथ बांटने का मन हुआ. १९६० के कुम्भ मेले की ये छवियाँ महान फिल्मकार बिमल रॉय ने अपनी मृत्यु से कुछ ही समय पहले शूट की थीं. इस अछूती और बिसराई गयी फुटेज को उनके बेटे जॉय रॉय ने ३३ साल बाद "खोजा" और इसे एक मुकम्मल सूरत दी. यह संभवतः बिमल रॉय का अंतिम कार्य है -
2 comments:
अनिर्वचनीय
So soulful!
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