अमरीकी कवयित्री निक्की जियोवानी की प्रेम कविताओं की सीरीज़ में एक और-
तुम्हारे
बारे में कुछ फील्ड नोट्स
-निक्की जियोवानी
तीसरा
वाला कुछ लंबा है
मैं
थामती हूँ उसे
चौथा
छोटा है
मैं फांद जाती हूँ समूचे ढेर को
कोई
एक कराह सुनता है
वह
मैं होऊँगी
कोई
सुनता है एक उसांस
वह
होगे तुम
चीनी
की एक ढेरी
एक
नमक की
मैं
उनमें डुबोती हूँ अपनी उंगलियां
और
उन्हें चखती हूँ
लोग
बताते हैं
तुम्हें
देखा नहीं किसी ने
बीस
सालों से
लोग
सोचते हैं
शायद
तुम
मर-खप गए होगे
मुझे
बेहतर मालूम है
मैंने
तुम्हें मुस्कराते देखा था
दुर्लभ
थी वह मुस्कान ... हाँ
पर
थी वहीं
मोहब्बत
में गिरफ्तार हो जाने का
न्यौता
देती हुई मुझे.
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