अन्ना कामीएन्स्का की नोटबुक से एक और छोटा सा हिस्सा -
जानवर कैसे बर्दाश्त करते
होंगे अकेलेपन को? जब हम पोज़नान जा रहे थे विस्वावा शिम्बोर्स्का ने मुझे अपने पालतू
सेही के बारे में बताया, निपट अकेला, एक झाड़ू के प्रेम में गिरफ्तार क्या मैं खुद
को बहकावे में रखने वाले एक सेही में बदलती जा रही हूँ? मुझे किसी झाड़ू से प्यार
नहीं करना, चाहे जो नाम हो उसका. मैं इस सबसे मुक्त होना चाहती हूँ. अकेलेपन से
मुक्त? यही पहेली है जिसे मैं अपने आप से पूछती रहती हूँ. मुक्ति के लिए अकेलापन
चाहिए होता है. लेकिन अकेलापन बोझ बन जाता है. सोचते हुए अपना सिर टकराती रहती हूँ
मैं दीवारों से.
(फ़ोटो में बाएँ से दूसरी अन्ना कामीएन्स्का)
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