Wednesday, October 30, 2013

पर्याप्त समय नहीं रहा मेरे पास कभी


एक दफ़ा मेरी माँ ने मुझे कहा था

-येहूदा आमीखाई

एक दफ़ा मेरी माँ ने मुझे कहा था
फूलों के साथ न सोया करूँ कमरे में
तब से मैं कभी नहीं सोया फूलों के साथ
अकेला सोता हूँ, उनके बगैर.

बेशुमार थे फूल
मगर पर्याप्त समय नहीं रहा मेरे पास कभी.
और जिन लोगों को मैं प्यार करता था
वे अभी से धकेल रहे ख़ुद को मेरे जीवन से दूर, जैसे नावें
अपने किनारों से दूर जातीं.
   
माँ ने कहा था
फूलों के साथ न सोया करूँ.
नींद नहीं आएगी.
नींद नहीं आएगी, मेरे बचपन वाली अम्मा.

वह जंगला जिसे मैं थाम लेता था
जब घसीटा जाता था मुझे स्कूल ले जाने को
कब का जल चुका.
लेकिन मेरे हाथ, थामे हुए
अब भी

थामे हुए उसी को.

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