Saturday, October 19, 2013

फ्रीदा काहलो पर गुआदालूपे रिवेरा की किताब से कुछ हिस्से – २

टीना मोदोती के घर पर छज्जे का वह कोना जहां
टकीला शराब परोसी जाती थी
अपनी एक बड़ी कलाकृति के लिए दिएगो ने मैक्सिको सिटी के कला और बुद्धिजीवी वर्ग से ताल्लुक रखने वाली सुन्दरतम स्त्रियों को मॉडल्स के बतौर छांटा था – मेरी माँ लूपे मार्टिन इन में से एक थी. वे गूआदालाहारा से मैक्सिको सिटी आई थीं. मेरी माँ और फ़्रीदा की मुलाक़ात इस तरह दिएगो के माध्यम से हुई.
जब कलाकृति तैयार हो गयी दिएगो ने अपना ताम झाम सेक्रेटरी ऑफ़ पब्लिक एजूकेशन ने नव निर्मित हेडक्वार्टर्स पहुंचाया और एक नई पेंटिंग पर काम शुरू किया. फ़्रीदा से उसका संपर्क टूट गया अलबता मेरी माँ से उसने मिलना जारी रखा. आख़िर १९२३ में उन्होंने ब्याह कर लिया.अगले साल मेरा औरर उसके अगले साल मेरी बहन रूथ का जन्म हुआ.
इन वर्षों में फ़्रीदा ने नेशनल प्रेपैरट्री स्कूल में अपनी पढ़ाई जारी रखी जहां उसका आलेहान्द्रो गोमेज़ आरियास नाम के ज़बरदस्त छात्र नेता से ख़ासा अन्तरंग संबंध अपने उठान पर था. १९२५ में वह उसके साथ एक स्ट्रीटकार में थी जब एक भयंकर हादसे ने उसे एक साल तक बिस्तर पर रहने को मजबूर कर दिया और वह शारीरिक तौर पर जीवन भर को एक सीमा तक वकलांग हो गयी.
जब आलेहान्द्रो गोमेज़ यूरोप भ्रमण पर निकला, फ़्रीदा ने समय काटने की गरज से पेंटिंग शुरू की. उसने अपने परिचितों के पोर्ट्रेट बनाने शुरू किये और “अनुपस्थित आलेहान्द्रो गोमेज़” वाला पोर्ट्रेट भी इसी समय तैयार हुआ. सांद्रा बोटीचेली की शैली अपने सेल्फ-पोर्ट्रेट्स बनाना उसने तभी शुरू किया – यह नैसर्गिक भी था क्यूंकि बोटीचेली की पेंटिंग ‘प्रीमावेरा’ उसकी सबसे प्रिय थी.
फ़्रीदा ने जल्द ही विज्ञानं के बदले कला पढ़ना शुरू कर दिया. उसने अपने कुछ कैनवस कांख के नीचे दबाये और दिएगो से मिलने जा पहुँची. वह चाहती थी कि पेंटिंग का उस्ताद माना जाने वाला दिएगो उसके काम के बारे में अपने ख़याल उसे बताए और उन दिनों चल रहे अपने म्यूरल-प्रोजेक्ट में उसे शामिल करे. दिएगो ने उसे अपनी कला पर काम करते रहने की सलाह दी और यह भी कहा कि वह कला के क्षेत्र में सफल होने का सपना देख सकती है.
जब फ़्रीदा और दिएगो की बातचीत समाप्त होने ही वाली थी, अपने पति के लिए लंच की ट्रे लेकर लूपे भीतर आईं. उन दोनों को साथ देखकर वह आगबबूला हो गयी और दोनों औरतों में दिएगो को लेकर बाकायदा घमासान शुरू हो गया.
इस घटना के दो साल बाद दिएगो को रूसी क्रान्ति की दसवीं सालगिरह पर वहां आने का न्यौता मिला. उन्हें मॉस्को के रेड आर्मी पैलेस में एक विशाल म्यूरल बनाने का काम भी मिला. मैक्सिको छोड़ते समय दिएगो को यह मालूम नहीं था कि वह वापस कब लौटेंगे. उन्होंने मेरी माँ को उनके पुराने बॉयफ्रेंड कवि होरहे कूएस्ता की निगरानी में छोड़ दिया. जब दिएगो वापस लौटे तो उन्होंने वही पाया जो होना था. मेरी माँ और होरहे दोबारा से एक दूसरे की मोहब्बत में गिरफ्तार थे. मेरे माता-पिता का तलाक हो गया. इधर फ़्रीदा और आलेहान्द्रो गोमेज़ आरियास का सम्बन्ध भी ख़त्म हो चुका था. अपने मित्र जरमान देल काम्पो के कहने पर फ़्रीदा ने कम्यूनिस्ट पार्टी की सदस्यता ले ली और टीना मोदोती से मित्रता की जो तब तक अपनी फोटोग्राफी और राजनैतिक कार्य के लिए नाम कमा चुकी थी. टीना के घर में दिएगो और फ़्रीदा की तीसरी मुलाक़ात हुई. इस बार दोनों के बीच कोई बाधा नहीं थी और जल्द ही सगाई के बाद २६ अगस्त १९२९ को दोनों ने मैक्सिको सिटी के बाहर कोयोकान गाँव में शादी रचा ली.

शादी के बाद फ़्रीदा और दिएगो
(जारी)   

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