Thursday, November 7, 2013

अपनी बीवियों की पहरेदारी में लेखकगण सुरक्षित होते हैं



अन्ना कामीएन्स्का की डायरी से एक टुकड़ा - 

अपनी बीवियों की पहरेदारी में लेखकगण सुरक्षित होते हैं, अपनी ही रचनाओं का आनंद लेते हुए. मेरे लिए हर चीज़ का ज़्यादा महत्व है – कपडे धोना, घरेलू खरीदारी, कोई मुझे ठहरने को कहता है, पावेल की पतलून पर इस्त्री की जानी है. फिर मैं अपनी डेस्क पर बैठती हूँ और भूल जाती हूँ यह सब कैसे किया जाता है.जब-तब मांसाहारी परिंदों की मानिंद पंक्तियाँ हमला बोल देती हैं; कभी भी, कहीं भी. और मांग करती हैं कि उन्हें लिखा जाए.

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