Monday, November 10, 2014

एक-एक बुत को ख़ुदा उस ने बनाया होगा - मीना कुमारी के स्वर उन्हीं की नज़्में – ८




आबला-पा कोई इस दश्त में आया होगा
वर्ना आँधी में दिया किस ने जलाया होगा

ज़र्रे-ज़र्रे पे जड़े होंगे कुँवारे सजदे, 
एक-एक बुत को ख़ुदा उस ने बनाया होगा

प्यास जलते हुए काँटों की बुझाई होगी, 
रिसते पानी को हथेली पे सजाया होगा

मिल गया होगा अगर कोई सुनहरी पत्थर, 
अपना टूटा हुआ दिल याद तो आया होगा

ख़ून के छींटे कहीं पोंछ न लें रेह्रों से, 
किस ने वीराने को गुलज़ार बनाया होगा

1 comment:

रश्मि शर्मा said...

बहुत सुंदर...मीना जी की आवाज में उनकी नज्‍़म..