Monday, December 22, 2014

भला हुआ कि एक कवि ने मुझसे प्रेम किया

विन्सेंट वान गॉग की कृति - 'अ पेअर ऑफ़ शूज़'
फटे हुए जूते

-अजंता देव

मेरे फटे जूते भी किसी काम आये
उलझे बाल सुलझाने की ज़रुरत ख़त्म हुई
बार-बार शीशा देखना भी छूट गया
भला हुआ कि एक कवि ने मुझसे प्रेम किया
वरना ये दुनिया  मेरे काम की थी न मैं दुनिया के.  

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