मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा, मेरे पंज पियारे तुम
गज़ल
के रंग में
-अजंता देव
रात
अंधेरी तारे गुम
इस
पल सबसे प्यारे तुम
जितना
हमसे दूर हुए
उतने
हुए हमारे तुम
घास फूल चिड़िया
आकाश
सबमें नदी किनारे
तुम
अनजाने
में जीत गए
जानबूझ
कर हारे तुम
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा
मेरे पंज पियारे तुम
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