उत्तराखंड राज्य आंदोलन के सूत्रधार इन्द्रमणि
बड़ोनी ने 2 अगस्त, 1994 को पौड़ी में आमरण अनशन शुरू राजनीति के पटल पर अपनी मांग दर्ज कराई
थी. जनता के निवेदन पर 30वें दिन उन्होंने अपना अनशन समाप्त किया, लेकिन तब तक आंदोलन की चिंगारी पूरे
उत्तराखंड में फैल चुकी थी.
BBC ने उस समय अपनी रिपोर्ट में कहा था -
यदि आपको जीवित गांधी को देखना है तो उत्तराखंड की धरती पर चले जाएं. वहां गांधी
आज भी अपनी उसी अहिंसक अंदाज से विराट जनआंदोलन का नेतृत्व कर रहा है.
पूरे देश में पहाड़ की संस्कृति और कला को
पहुंचाने में इन्द्रमणि बड़ोनी ने हर संभव प्रयास किया . उनका उत्तराखंड के प्रति
समपर्ण और प्रेम हमेशा अमर रहेगा.
(अनूप नौटियाल की यह फेसबुक पोस्ट मित्र प्रत्यूष नवानी द्वारा प्रेषित है. प्रत्यूष का आभार)
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