Tuesday, December 23, 2014

मुझे अनारकली और मधुबाला में फ़र्क नहीं मालूम

नताली ट्रूहिय्यो की पेंटिंग 'ड्रीम स्ट्रीट'
गवाह

-अजंता देव

मुझे अनारकली और मधुबाला में फ़र्क नहीं मालूम
मैं नहीं जानती 007 और शॉन कॉनरी दोनों फर्ज़ी हैं
मैं रामायण और महाभारत की घटनाएँ मानती हूँ

हीर-रांझा थे या नहीं
शीरीं-फरहाद के माता-पिता कौन थे
लैला और क्लियोपेट्रा उतनी काली थीं या नहीं
मेरा क्या मतलब

मुझे सिर्फ याद है दीवार पर चुनी जाती अनारकली
जेम्स बांड की करामाती घड़ी
फरहाद की घायल उंगलियाँ
नदी में बहता कच्चा घड़ा
यहाँ वहां प्रकट होती उड़नतश्तरियां

पृथ्वी में कितनी कम चीज़ें हैं
जिनमें मैं मौजूद हूँ
कितनी कम घटनाएं हैं
जिनकी मैं गवाह हूँ
अभी अभी गिलहरी ने दाना उठाया
मैंने देखा
कहाँ गयी नहीं मालूम

फिलहाल हवा हिला रही है डालियाँ
मेरे घर के आँगन में
आगे किस पेड़ से उलझेगी क्या पता
जब सूरज डूबता है मेरे देश में
तब कहाँ-कहाँ उगता है नहीं जानती

मुझे कभी पता नहीं चलेगा
लोकगीतों का गीतकार
पगडंडियों का निर्माता
चुटकुलों का लेखक

मुझे अजीब लगता है यह दावा कि
पृथ्वी का जन्म ऐसे हुआ
जल इस तरह बना
और इतने हज़ार साल तक
बारिश चालू थी
जबकि हम तय नहीं कर सकते कभी भी
सामने बैठा व्यक्ति
जाकर अपराध करेगा
गणित में फिसड्डी बालक
महान वैज्ञानिक बनेगा
घर-घर में मौजूद हैं लायक बेटे
जो कल तक नालायक थे
प्रेम कैसे होता है
वितृष्णा कैसे जागती है
क्या कभी जान पाएंगे
ठीक कब शुरू होता है नशा

मुझे वैज्ञानिक से ज्यादा लुभाते हैं फिल्मकार
जो कभी दावा नहीं करते विश्वसनीयता का
लेकिन फिर भी मैं फर्क नहीं कर पाती
अनारकली और मधुबाला में
कल मैंने सपने में देखा
रांझा और क्लियोपेट्रा का विवाह
सवेरे नींद खुलने पर मेरे हाथ

आशीर्वाद की तरह उठे हुए थे.

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