भूल जाया जाए
- सारा टीसडेल
भूल जाया जाए, जैसे भुला दिया जाता है एक फूल
जैसे भुला दी जाती है एक आग जो
कभी सोना बन कर गा रही थी
भुला दिया जाए हमेशा के लिए
समय एक उदार
दोस्त होता है, वह हमें बूढा बनाएगा
अगर कोई पूछे तो उसे कहना
उसे भुलाया जा चुका कब का
एक फूल की तरह, एक आग की तरह
बहुत पहले भुला
दी गई एक बर्फ में एक निस्तब्ध पदचाप की तरह
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[अमेरिकी लिरिक कवयित्री सारा टीसडेल (८ अगस्त १८८४ – २९ जनवरी १९३३)
आजीवन खराब स्वास्थ्य और अकेलेपन की शिकार रहीं. स्कूल जाना तक वे चौदह की आयु में
शुरू कर सकीं.
उनकी पहली कविता एक स्थानीय अखबार ‘रीडीज़ मिरर’ में
छपी.उसी साल उनका पहला संग्रह ‘सौनेट्स टू ड्यूज़ एंड अदर
पोयम्स’ छाप कर आया.
उनका दूसरा संग्रह ‘हेलेन ऑफ ट्रॉय’ १९११ में प्रकाशित हुआ जिसे आलोचकों ने खासा पसंद किया. १९११ से १९१४ के
दरम्यान सारा की जिंदगी में कई पुरुष आए जिनमें वैकल लिंडसे नामक कवि भी थे.
लिंडसे सारा की मोहब्बत में आकंठ डूबे थे लेकिन उन्हें लगता था की वे सारा को
पर्याप्त सुविधाएँ और स्थिरता उपलब्ध नहीं करा सकेंगे. १९ दिसम्बर १९१४ को सारा ने
एर्न्स्ट फिल्सिंगर से विवाह किया. फिल्सिंगर सारा की कविताओं के प्रशंसक थे.
सारा का तीसरा संग्रह ‘रिवर्स टू डी सी’ १९१५ में छपा और खूब बिका. एक साल बाद वे न्यूयॉर्क चले आए.
१९१८ में छपे उनके कविता संग्रह ‘लव सॉंग्स’ को
तीन प्रतिष्ठित सम्मान मिले. इनमें १९१८ का पुलित्जर सम्मान भी शामिल था.
फिल्सिंगर अक्सर धंधे के सिलसिले में
बाहर रहते थे और सारा को बहुत सारा अकेलापन झेलना होता था. जब सारा ने फिल्सिंगर
से तलाक की अर्जी दाखिल की तो फिल्सिंगर हैरान और परेशान हो गए थे.
तलाक के बाद सारा ने लिंडसे से अपनी
पुरानी दोस्ती को पुनर्जीवित किया. लिंडसे तब तक शादी कर बाकायदा बाल-बच्चेदार
आदमी बन चुके थे.
१९३३ में सारा ने ढेर सारी नींद की
गोलियाँ खाकर आत्महत्या कर ली. लिंडसे ने दो साल पहले आत्महत्या कर ली थी]
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