“मैंने डी. के. बरुआ का कार्टून बनाया था (जिन्होंने एक कुख्यात वक्तव्य
दिया था कि “इण्डिया इज इंदिरा एंड इंदिरा इज इंडिया”) जिसमें उन्हें बच्चागाड़ी
में लेटा दिखाया गया था. तो इंदिरा गांधी ने मुझसे कहा: “यह बहुत अपमानजनक है.”
मेरा जवाब था: “कार्टून बनाना अपमान और व्यंग्य की कला होती है,” लेकिन उन्होंने
कहा: ‘ना. तुमने ऐसा नहीं करना चाहिए.”
-एक साक्षात्कार में
आर. के लक्ष्मण
आम आदमी के साहस के खामोशी
से धधकते हुए रूपक के रूप में हमेशा याद रहेंगे लक्ष्मण!
अलविदा!!
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