लोग यह समझते ही नहीं कि जो तुम गाना चाहते हो और
जैसे गाना चाहते हो, उसे गाने के लिए कैसी लड़ाई लड़नी पड़ती
है.”
- बिली हॉलिडे
(लेडी सिंग्स द ब्लूज़ - बिली हॉलिडे)
चवालीस साल की छोटी-सी उमर में दिवंगत होने से पहले बिली हॉलिडे की दुखद
कहानी एक सम्वेदनशील कलाकार और उसके इर्द-गिर्द के निपट व्यावसायिक वातावरण के
द्वन्द्व की अनिवार्य परिणति थी.
वैसे तो अमरीका में रंगभेद के युग में किसी भी नीग्रो या नीग्रो मूल के
कलाकार का जीवन आसान नहीं था, लेकिन संगीत और वह भी जैज़ संगीत के सिलसिले में बड़े-से-बड़े फ़नकारों को
ऐसे-ऐसे उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता कि हैरत होनी स्वाभाविक थी. एक पल आप शोहरत
की बुलन्दियों पर होते और दूसरे ही पल मामूली-से-मामूली लोग आपको आपके रंग और नस्ल
की वजह से दो कौड़ी का बना कर रख सकते थे. हालांकि कहा जाता है कि अब हालात सुधर
गये हैं, मगर लोग जानते हैं कि अन्दर की सच्चाई कुछ और ही
है. और आज से सौ साल पहले तो हालत कहीं ज़्यादा ख़राब रही होगी जब भेद-भाव खुले तौर
पर बरता जाता था.
बिली हॉलिडे को शोहरत की बुलन्दियों पर पहुंचने से पहले नारकीय स्थितियों
से हो कर गुज़रना पड़ा था. पिता संगीतकार थे और मां को कुंवारेपन ही में मां बनने पर
अपने मां-बाप के घर से निकल कर चले आना पड़ा था. बिली का जन्म फिलाडेल्फ़िया में
१९१५ में हुआ, लेकिन एक तो उनके पिता
ने उसकी मां से शादी नहीं की हुई थी, दूसरे दो साल बाद ही
उसके पिता उन सब को छोड़ कर जैज़ गिटारवादक के तौर पर अपनी किस्मत आज़माने निकल लिये
थे और तीसरी बात यह थी कि बिली की मां को अक्सर रेलगाड़ियों में काम मिलता जिसकी
वजह से बिली को वापस उसके ननिहाल बौल्टिमोर भेज दिया गया. ज़ाहिर है, मां-बाप की देख-रेख के अभाव में दूसरों का आसरा बिली के बहुत काम नहीं आ
सकता था. उसका बिगड़ जाना लाज़िमी था.
नौ साल की उमर में जब इस लगभग बेआसरा लड़की से चालीस बरस के एक आदमी ने
बलात्कार किया तो सज़ा भी उस आदमी को नहीं बिली को दी गयी. वह आवारगी के आरोप में
बाल गृह के हवाले कर दी गयी, फिर जब वह छूट कर आयी और कुछ समय अपनी मां के साथ रही जो इस बीच एक होटल
चलाने की कोशिश कर रही थी तो एक पड़ोसी ने उससे बलात्कार का प्रयास किया. बारह साल
की उमर में बिली हॉलिडे जो तब तक अपने असली नाम एलेनोरा फ़ैगन के नाम से जानी जाती
थी, फिर रिमाण्ड होम पहुंच गयी. 1929 में
बिली की मां ने न्यूयॉर्क में कालों की बस्ती हारलेम में किस्मत आज़माने का फ़ैसला
किया और बिली भी वहीं आ गयी. उनकी मकान मालिकिन एक वेश्यालय चलाती थी और कोई और
काम न ढूंढ पाने पर बिली की मां ने भी यही पेशा अपना लिया. और फिर बिली भी अभी
चौदह की नहीं हुई थी कि उसे भी पेशा करने पर मजबूर होना पड़ा. जल्दी ही उस चकले पर
छापा पड़ा और एक बार फिर बिली सुधार गृह की दीवारों के पीछे थी.
(योर मदर्स सन इन लॉ - बिली हॉलिडे)
एक लोकप्रिय गायिका बिली डव के नाम का पहला हिस्सा अपने पिता क्लैरेन्स हॉलिडे
के नाम के दूसरे हिस्से से जोड़ कर बिली ने अपना पेशेवर नाम बिली हॉलिडे ईजाद किया
और अगले दो साल तक न्यूयॉर्क के अलग-अलग क्लबों में अपनी गायकी के बल पर शोहरत की
सीढ़ियां चढ़नी शुरू कर दीं. 1932 में बिली की साधना रंग लायी और उन पर संगीत प्रोड्यूसर जॉन हैमण्ड की नजर
पड़ी. हुआ यों कि बिली को एक क्लब की जानी-मानी गायिका के एवज़ में गाने का मौका
मिला क्योंकि उस दिन वह गायिका वहां नहीं आ पायी थी. जॉन हैमण्ड उस गायिका को
पसन्द करते थे और उसे सुनने आये हुए थे. वे बिली के गाने से बहुत प्रभावित हुए.
बाद में उन्होंने कहा,"बिली के गाने ने मेरी संगीत की
रुचि और संगीत के जीवन को लगभग बदल कर रख दिया, क्योंकि जो
गायिकाएं मैंने तब तक देखी थीं, उनमें वह पहली गायिका थी,
जो जैज़ को सचमुच किसी जीनियस फ़नकार की तरह गाती थी." हैमण्ड ने
जाने-माने जैज़ संगीतकार बेनी गुडमैन की संगत में बिली के गाये गाने रिकौर्ड करवाये
और यहां से बिली का जीवन एक दूसरी ही दिशा में मुड़ गया.
(गुड मौर्निंग हार्टेक - बिली हॉलिडे)
अगले कुछ साल बिली हॉलिडे टेडी विल्सन, काउण्ट बेसी और आर्टी शॉ जैसे संगीतकारों की मण्डलियों में
गाती रही और धीरे-धीरे उनके रेकॉर्ड्स की लोकप्रियता बढ़ती रही. लेकिन यह सफ़र आसान
नहीं था. मण्डलियों के साथ दौरा करने पर कई बार उन्हें रंगभेद के सबसे घटिया रूपों
से रू-ब-रू होना पड़ता. फिर जैसे सामाजिक भेद-भाव और सफ़र के तनाव ही काफ़ी न थे,
बिली को शराब और नशीले पदार्थों की भी लत लग गयी थी. और जीवन के
अन्त तक इन लतों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा.
तभी 1930 के दशक के अन्त में
पहली बार बिली हॉलिडे की ज़िन्दगी में ऐसा मौका आया जिसने उनकी शोहरत को एकबारगी
आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया. वे कोलम्बिया के लिए गाने रिकौर्ड कर रही थीं
जब उनके सामने एक गीत आया "स्ट्रेन्ज फ़्रूट" (अजीब फल).
(स्ट्रेंज फ़्रूट - बिली हॉलिडे)
गीत गोरों द्वारा कालों को फांसी दे कर पेड़ पर लटकाये जाने की घटनाओं के बारे
में था जो अमरीका के दक्षिणी इलाक़ों में आम थीं. उसे एक यहूदी स्कूल अध्यापक
ने लिखा था और छद्म नाम से जारी किया था. यह गीत न्यू यौर्क के ग्रीनविच विलेज के
एक क्लब मालिक ने सुना और बिली के सामने प्रस्ताव रखा कि वह इसे गाये. ज़ाहिर है, गीत के बोल बहुत विस्फोटक थे और बिली
हॉलिडे को डर था कि उन्हें बदले की कार्रवाई का निशाना बनना पड़ सकता है. इसलिए जब
वह उसे गाने के लिए क्लब के मंच पर आयी तो उसके मन में घबरहट थी. लेकिन दूसरी तरफ़
उनका कहना था कि गीत के बिम्बों ने उन्हें उनके पिता की मौत की याद करा दी थी,
जिनसे उनके सम्बन्ध गायिका बनने के बाद सुधर गये थे और जिनको उनके
रंग की वजह से फेफड़े के कैन्सर का इलाज नहीं मुहैया कराया गया था.
दक्षिण के पेड़ों पर फलते हैं अजीब फल
पत्तियों पर लहू और जड़ों पर है ख़ून
दक्षिणी हवाओं पर झूमें काले शरीर
पोपलर के पेड़ों पर कैसे अजीब फल
शूरों की धरती का देहाती नज़ारा
बाहर को निकली आंखें ऐंठा मुंह सारा
मैग्नोलिया के फूलों की महक मीठी मधुर
सहसा जलते हुए मांस की गन्ध हवा में
फिर
ये रहे फल कौवे मारेंगे चोंचें जिन पर
बारिश बहा ले जायेगी, हवा चूसेगी जम कर
सूरज सड़ायेगा इन्हें, पेड़ गिरायेंगे
यही है वह अजीब और कड़वी फ़सल
दक्षिण के पेड़ों के ये अजीबो-ग़रीब फल
इस गीत को गाते समय बिली सुनने वालों को बिलकुल चुप करा दिया करती थी. गीत
के दौरान धीरे-धीरे बत्तियां मद्धिम होती जातीं और सारी हरकतें बन्द हो जातीं, सिर्फ़ रोशनी का एक चकत्ता बिली के
चेहरे पर रहता और आखिरी सुर पर यह बत्ती भी गुल हो जाती और जब लौटती तो बिली जा
चुकी होती.
न सिर्फ़ यह गीत बेइन्तेहा लोकप्रिय हुआ, अगले कई बरसों तक यह बिली का फ़रमाइशी गीत बना रहा. अपनी
आत्म-कथा में उसने लिखा,"यह मुझे याद कराता है कि पिता
किस तरह मरे थे. लेकिन मुझे इसको गाते ही रहना है, महज़ इसलिए
नहीं कि लोग फ़रमाइश करते हैं, बल्कि इसलिए भी कि पिता के
मरने के बीस साल बाद भी हालात वैसे ही हैं."
(फ़ाइन ऐण्ड मैलो - बिली हॉलिडे)
लेकिन दूसरी तरफ़ शराब और हेरोइन की लत और उसके चलते लगातार पुलिस और अदालत
के चक्कर भी जान का वबाल बने रहे. एक हफ़्ते वह कार्नेगी हौल या ब्रौडवे पर भारी
भीड़ के सामने गा रही होती और दूसरे हफ़्ते वह सलाखों के पीछे होती.
संगीत से जुड़ी व्यावसायिकता के दबाव सिर्फ़ यहीं तक सीमित नहीं थे कि
संगीतकार बराबर अपनी कला को बेचते चले जायें. इससे भी आगे बढ़ कर कई बार
संगीतकारों के मैनेजर उनके जीवन तक को नियन्त्रित करने लगते थे. बिली हॉलिडे के
साथ हुआ यह कि एक शहर से दूसरे शहर और दूसरे शहर से तीसरे शहर का दौरा करने के
क्रम में जब शरीर जवाब देने लगा तो उनके अपने प्रबन्धकों ने उन्हें मादक दवाइयों
का आदी बना दिया. दूसरी ओर अपने माहौल के साथ ताल-मेल न बिठा पाने से उपजे
अन्तर्विरोधों और विषमताओं ने बिली हॉलिडे को मानसिक रूप से भी तोड़ दिया. नतीजे
के तौर पर यह शानदार गायिका, जिसका कार्यक्रम लन्दन के ऐल्बर्ट हॉल में हो चुका था, अन्ततः पागलख़ाने और फिर अकाल मृत्यु के शिकंजे में जा पहुँची. मगर अपने
छोटे-से जीवन में ही बिली हॉलिडे अपने पीछे संगीत का ऐसा विरसा छोड़ गयीं, जिसका मूल्य आज भी कम नहीं हुआ है.
बिली के गाये गानों को बहुत-सी गायिकाओं ने गाया जिनमें सारा वॉन और डायना रॉस जैसी गायिकाएं शामिल हैं. डायना रॉस ने तो बिली के जीवन पर बनी फ़िल्म
"लेडी सिंग्स द ब्लूज़" में बिली का किरदर भी अदा किया. यहां बिली के एक
मशहूर गीत "लवर मैन" की तीन अदायगियां पेश हैं. एक बिली के स्वर में, एक सारा वॉन के और एक डायना रॉस के.
https://www.youtube.com/watch?v=hMtXuD4-63o (लवर मैन - डायना रॉस)
बिली के गायन में बोलों की अदायगी में दम-ख़म और विश्वास तो था ही, एक अजीब-सी गर्मजोशी भी थी जो बोलों को सतर-दर-सतर आगे बढ़ाती हुई सुनने वालों के दिलों के तार भी झंकृत करती चलती थी. जैसा कि एक समीक्षक ने लिखा कि उसकी आवाज़ में एक ही साथ इस्पाती दृढ़ता भी थी और बेहिसाब नरमी भी, उसमें बुज़ुर्गों का-सा सयानापन भी था और एक अजीब-सी बच्चों जैसी फ़ितरत भी. इसीलिए बिली हॉलिडे के बेहतरीन गीतों में जो सबसे बड़ा गुण उभर कर सामने आता है वह दिल की सच्चाई है.
(गॉड ब्लैस द चाइल्ड दैट्स गॉट इट्स ओन - बिली हॉलिडे)
(जारी)
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